फौजी की बिटिया महज 22 वर्ष की आयु में बनी आईएएस अधिकारी, पहला कर्तव्य रहा सिर्फ गरीबों की मदद करना

डेस्क : देश की प्रशासनिक सेवा में जितने भी महिला और पुरुष काम कर रहे हैं उन सब का एक अनोखा तरीका होता है कार्य करने का। ऐसा ही अनोखा तरीका इस बार हमें देखने को मिल रहा है तेलंगाना की एक आईएएस ऑफिसर के जरिए जो कि जनता की अधिकारी के नाम से काफी ज्यादा प्रचलित है। उनको सबसे कम उम्र में आईएएस बनने का दर्जा प्राप्त है।

आपको बता दें कि उनके पिताजी फौज से रिटायर है और उनकी माता जी ग्रहणी है। उनके पिताजी की फौज में नौकरी होने के कारण अलग-अलग जगह पर पोस्टिंग होती थी जिसके कारण स्मिता का बचपन अलग-अलग शहरों में बीता और उन्होंने अलग-अलग जगह से पढ़ाई की उन्होंने ICS में टॉप किया। उन्होंने ग्रेजुएशन साइंस में ना करके कॉमर्स से पूरा किया और फिर ग्रेजुएशन के बाद माता पिता ने उनको प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जिसके बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और उन्होंने पहले ही प्रयास में कठिन परिश्रम करके 2002 की UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की और पूरे भारत में चौथे रैंक लेकर आईं।

स्मिता सभरवाल एक ऐसी आईएएस ऑफिसर है जो हैदराबाद के मुख्यमंत्री कार्यालय में भी कार्य कर चुकी है आपको बता दें की उन्होंने आईपीएस ऑफिसर डॉ अतुल सबरवाल से शादी की है और उनके दो बच्चे हैं जिनका नाम नानक और भविष है। स्मिता सभरवाल हमेशा से ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रहती हैं क्योंकि वह जनता के बीच उतरकर जनता की मदद करने के लिए तत्पर रहती हैं उनको प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया है।

एक बार स्मिता सभरवाल का कार्टून बनाया गया था और रैंप वॉक पर चलती हुई किसी मॉडल की तरह उनकी तस्वीर एक मैगजीन पर छाप दी थी इस पर मैगज़ीन वालों ने टिप्पणी भी की थी कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव उनकी किस तरह से फोटो खींच रहे हैं जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं और वह ट्रेनिंग कपड़ों में मॉडल वॉक करती नजर आ रही हैं। इस बात पर उन्होंने मैगजीन वालों को नोटिस तक भेज डाला था और इसका जवाब भी मांगा था। उनका कहना है कि उनकी 14 वर्ष की नौकरी में पहली बार उनको किसी वजह से आहत हुई है उस समय वह एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर कार्य कर रही थी।