प्यार की अपनी एक परिभाषा है. प्यार में शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया जो आज के समय में प्यार की एक बड़ी निशानी के लिए जाना जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है.
जहां पति ने अपनी पत्नी की याद में मंदिर बनवा दिया है. खास बात यह है कि इस मंदिर में किसी देवी देवता की मूर्ति नहीं बल्कि अपनी ही पत्नी की मूर्ति स्थापित करवाया है. जिसमें वह सुबह शाम अपनी पत्नी की पूजा करने के लिए भी जाता है. पति पत्नी के बीच इतना प्यार देखकर आसपास के लोग इसे मुमताज और शाहजहां की लव स्टोरी से जोड़ रहे हैं. लोगों का कहना है कि, शाहजहां ने मुमताज के प्यार में ताजमहल बनाया तो इस शख्स ने अपनी पत्नी की याद में मंदिर बनवा दिया है.
18 मई 2020 में हुआ था पत्नी की मौत
दरअसल, यह मामला फतेहपुर जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के पंधरा गांव का है. जहां के रहने वाले रामसेवक रैदास की पत्नी का निधन 18 मई 2020 को हो गया था. हालांकि उस समय कोरोना काल की वजह से रामसेवक गुमसुम रहने लगे थे. उन्हें उनकी पत्नी का बहुत याद आ रहा था वह अपनी पत्नी की याद में अपने ही खेत में फैसला लेते हुए, दो मंजिला मंदिर बनवा कर उसमें पूजा पाठ करना शुरू कर दिया है.
खेत में बना है दो मंजिला मंदिर
बता दें कि रामसेवक पहले अमीन के पद पर काम करते थे लेकिन अब रिटायर्ड हो चुके हैं. कोरोना काल में पत्नी की मौत के बाद रामसेवक काफी उदास रहने लगे, जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि मंदिर का निर्माण करवाएंगे. रामसेवक अपने ही खेत में मंदिर का बनवाने का फैसला ले लिए. और आज के समय में उसी जगह पर दो मंजिला मंदिर बनकर तैयार हो चुकी है. जहां पर उन्होंने अपनी पत्नी की मूर्ति स्थापित कर दी है, और सुबह शाम जाकर अपनी पत्नी का पूजा करते हैं. हालांकि रामसेवक के 5 बच्चे भी हैं जिनमें से 2 लड़कियां और 3 लड़के हैं.
1977 में हुई थी रामसेवक की शादी
रामसेवक ने बताया कि, उनकी पत्नी का जन्म 18 मई 1968 में हुआ था. जिसके बाद 18 मई 1977 में दोनों की शादी हो गई थी. जिसके बाद उनका जीवन खुशहाल चलने लगा, इसी बीच कोरोना महामारी का वक्त आ गया. और इसी दौरान उनकी पत्नी का निधन हो गया. इसके बाद वह बहुत वक्त तक अकेला-अकेला सा मसूस करने लगे थे. लेकिन मौत के कुछ समय बाद उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया और अब उन्हें महसूस होता है कि उनकी पत्नी उनके पास ही है.
ग्रामीणों ने जमकर उड़ाया था मजाक
रामसेवक बताते हैं कि, जब उन्होंने मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया था, तो उनके फैसले से ग्रामीण उनके ऊपर खूब जमकर हंसी ठिठोली करते थे. लेकिन जब मंदिर बनकर तैयार हुआ तो वहीं ग्रामीण उनकी प्यार की सराहना करने में जुट गए और कहने लगे कि इन्हें अपनी पत्नी से इतना सच्चा प्यार था. अब रामसेवक सुबह शाम मंदिर में जाकर अपनी पत्नी की मूर्ति के सामने पूजा पाठ करते हैं और कुछ समय बिता कर घर वापस आ जाते हैं.