Indian Railway में कैसे बने लोको पायलट? जानें – जरूरी योग्यता…

डेस्क : सरकारी नौकरी आज के समय में हर कोई पाना ही चाहता है. इसमें ज़्यादातर कैंडिडेट्स IAS, प्रोफेसर या फिर टीचर बनना चाहते हैं. लेकिन इनके अलावा भी ऐसी कई अच्छी सरकारी नौकरियां भी हैं. जिसमे कैंडिडेट्स अपना भविष्य एकदम सुरक्षित कर सकते हैं. इन्ही में से एक है नौकरी हैं लोको पायलट. ये भी एक बहुत अच्छा करियर विकल्प साबित हो सकता है. इस पद को पाने के लिए सन्ताक या पोस्ट ग्रेजुएशन करने की ज़रुरत भी नहीं होगी.

इस अहम पद पर कैंडिडेट्स को सीधी भर्ती नहीं मिलती है. इसमें सबसे पहले कैंडिडेट को असिस्टेंट लोको पायलट का पद मिलती है, जिसके बाद सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट और फिर ज कैंडिडेट्स लोको पायलट बन जाते हैं. लेकिन इस पद को हासिल करने से पहले कैंडिडेट्स को एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करना होगा.

रेलवे का ये पद सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं है, भारतीय रेलवे में बहुत सी महिलाएं भी लोको पायलट बनकर अपने करियर को एक अच्छी दिशा देती है. आपको बता दें, सुरेखा शंकर यादव भारत रेलवे की सबसे पहली महिला लोको पायलट बनी हैं जिन्होंने अपनी अपने करियर की शुरुआत साल 1988 में शुरु की थी.

योग्यता :

  1. कैंडिडेट्स का किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से हाई स्कूल पास होना बहुत ज़रूरी है.
  2. कैंडिडेट्स मीडिएट के बाद भी लोको पायलट का डिप्लोमा कर सकते हैं. जिसकी समय सीमा दो साल की होगी.
  3. हाई स्कूल पास करने के बाद कैंडिडेट्स IIT या फिर पॉलीटेक्निक से दो साल का डिप्लोमा कर सकते हैं. ये डिप्लोमा आप मेकेनिकल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक या फिर इलेक्ट्रिकल जैसे सब्जेक्स में भी किया जा सकता है.
  4. कैंडिडेट्स जिस इंस्टीट्यूट से डिप्लोमा कर रहे हैं उसे NCVT, SCVT या AICTE से मान्यता प्राप्त भी होनी चाहिए.
  5. कैंडिडेट्स शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ होने चाहिए.
  6. कैंडिडेट्स की आंखों का विजन 6/6 होना चाहिए. किसी भी तरह की कलर ब्लाइंडनेस न हो.
  7. दौरे पड़ना, हार्ट की प्राब्लम या फिर कोई अन्य मानसिक समस्याएं नहीं होनी चाहिए.