भारत के राष्ट्रपति कितने पावरफुल होते है? क्या-क्या सुविधाएं, कितनी मिलती है सैलरी.. जानें –

डेस्क : देश को अपना 15वां राष्ट्रपति मिल गया. द्रौपदी मुर्मो की जीत राष्ट्रपति चुनाव में हुई है. अब आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि राष्ट्रपति के अधिकार क्या हैं, उन्हें कितनी सैलरी मिलती है,राष्ट्रपति को छुट्टियां कितनी मिलती है और उनके उपर क्या – क्या जिम्मेदारियां होती है?

दरअसल, 24 जुलाई को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. देश को इसके पहले 15वां राष्ट्रपति मिल गया है. इस जीत के बाद द्रौपदी मुर्मो देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली आदिवासी समुदाय की पहली महिला बन गईं हैं. आपको बता दें कि राष्ट्रपति को कई भत्ते मिलते हैं. साथ ही उन्हें कई विशेषाधिकार भी दिया जाता है. आइये जानते हैं भारत के राष्ट्रपति की सैलरी, योग्यता और उन्हें मिलने वाले तमाम भत्तों के बारे में-

Salary of President of india भारत के राष्ट्रपति को लगभग 5 लाख रुपये महीने की सैलरी मिलती है. इसके अलावा आजीवन फ्री मेडिकल, आवास और इलाज की सुविधा समेत अन्य भत्ते दिए जाते हैं. भारत के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी दुनिया भर में कहीं भी मुफ्त यात्रा कर सकते हैं. उनके पास पांच लोगों का सेक्रेटेरियल स्टाफ होता है.

200 अन्य लोग अपनी जिम्मेदारी राष्ट्रपति भवन की देखरेख में संभालते हैं. वहीं राष्ट्रपति के पास छुट्टियां बिताने के लिए दो शानदार हॉलीडे रिट्रीट भी होते हैं जो कि एक हैदराबाद में राष्ट्रपति निलयम है और दूसरा शिमला में स्थित रिट्रीट बिल्डिंग है. इसके साथ ही देश के राष्ट्रपति को कस्टमाइज्ड Mercedes Benz S600 (W221) गाड़ी दी जाती है.

प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर युद्ध की घोषणा करने की पावर राष्ट्रपति के पास है. राष्ट्रपति के द्वारा ही देश की सभी जरूरी संधियां और अनुबंध किए जाते हैं. भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास राष्ट्रपति भवन है जो नई दिल्ली में स्थित है. इस भवन में कुल 340 कमरे हैं और इसका फ्लोर एरिया 2,00,000 वर्ग फुट है. राष्ट्रपति को अपने ऑफिस की पावर और कर्तव्यों के प्रयोग और प्रदर्शन के लिए या फिर उन शक्तियों और कर्तव्यों के अभ्यास और प्रदर्शन में उनके द्वारा किए जाने वाले काम के लिए किसी भी अदालत को कोई भी जवाब नहीं देना पड़ता है.

वहीं यदि अनुच्छेद 61 के तहत संसद के किसी भी सदन द्वारा आरोप की जांच के लिए नियुक्त या नामित किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या निकाय द्वारा उनके आचरण की समीक्षा की जा सकती है तब यह नियम लागू होता है. किसी भी अदालत में राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक कार्यवाही शुरू या जारी नहीं रखी जा सकती है. इसके अलावा राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत से गिरफ्तारी या कारावास की कोई प्रक्रिया जारी नहीं की जा सकती.

अक्सर ही ये सवाल सामने आता है कि क्या राष्ट्रपति को टैक्स नहीं भरा पड़ता है? जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है. आयकर अधिनियम और द प्रेसिडेंट एंड पेंशन एक्ट 1951 के तहत राष्ट्रपति के वेतन में भी आयकर की छूट नहीं देते हैं. यानी कि राष्ट्रपति भी टैक्स भरते हैं. हालांकि, स्वैच्छिक समर्पण यानी टैक्स की छूट अधिनियम, 1961 के तहत राष्ट्रपति अपना वेतना संचित निधि में ही डाल देते हैं तो वो टैक्स देने से बच सकते हैं. आपको बता दें कि ये छूट उन सभी लोगों के लिए है जो संचित निधि से अपना वेतन प्राप्त कर रहे हैं.