Railway में लोको पायलट कैसे बने? कितनी सैलरी मिलती है, जानें- विस्तार से….

आजकल ट्रेन ड्राइवर (Train Driver) की नौकरी बहुत सारे युवाओं को अट्रैक्ट कर रही है। भारतीय रेलवे (Indian Railway) में महिलाओं की एंट्री से ड्राइवर के रूप में इस नौकरी को बहुत चर्चा मिल रही है। पहले ट्रेन ड्राइवर केबिनों में एसी नहीं होती थी और ड्राइवर गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम के साथ संघर्ष करते हुए ट्रेन चलाते थे। लेकिन अब ट्रेनों के केबिनों में ज्यादातर एसी होती है और और भी कई सुविधाएं बढ़ गई हैं। युवा लोग इस रिक्ति के लिए उत्साहित रहते हैं।

भारतीय रेल (Indian Railway) में ड्राइवर बनने के लिए कम से कम 10वीं पास होना और ITI पास करने की ज़रूरत होती है। आपको मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, टेक्नीशियन, वायरमैन आदि विषयों में ITI सर्टिफिकेशन या डिप्लोमा होना चाहिए। हालांकि फिलहाल कॉपिटीशन बढ़ गई है और बहुत सारे उच्च शिक्षित युवा भी आवेदन करते हैं। इसके लिए भर्ती बोर्ड (Railway) नियुक्ति के लिए वैकेंसी जारी करता है और जब भी वैकेंसी आती है, बहुत सारे आवेदन आते हैं।

इसलिए नौकरी प्राप्त करना थोड़ा कठिन हो सकता है। आवेदन करने के बाद आपको लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इसके बाद मेडिकल चेक और ट्रेनिंग आदि की प्रक्रिया होती है। मेडिकल में आपकी आंखों की जांच विशेष महत्व रखी जाती है। यदि दृष्टि में कोई दोष होता है, तो नौकरी के लिए योग्यता में संशोधन हो सकता है। किसी भी भारतीय नागरिक (Railway ) को इसके लिए आवेदन करने की अनुमति है। आवेदक की उम्र 30 वर्ष तक हो सकती है।

ट्रेन ड्राइवर (Train Driver) बनने के लिए लिखित परीक्षा में सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान, गणित, करंट अफेयर्स और रीजनिंग जैसे विषयों से सवाल पूछे जाते हैं। सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स की तैयारी होने पर लिखित परीक्षा पास करना आसान होता है। पिछले परीक्षाओं में आमतौर पर 120 प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है, तो हर गलत जवाब पर एक चौथाई नंबर कटता है।

लिखित परीक्षा के बाद, मेडिकल परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें आंखों की जांच और साइकॉमेट्रिक टेस्ट अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। यह टेस्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रेन ड्राइवर (Railway) की जिम्मेदारी में हजारों जीवन होते हैं। ड्राइवर की छोटी सी गलती से भारी हादसों का सामना करना पड़ सकता है। लिखित परीक्षा और मेडिकल क्लियर करने के बाद, आपके दस्तावेजों की जांच शुरू होती है। आपको आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवासी प्रमाणपत्र, हस्ताक्षर और फोटो आदि जरूरी हैं। यदि सभी ठीक हैं, तो आपको प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता है।