मरीजों से मनमाना पैसा वसूलने वाले अस्पतालों पर गिरेगी गाज – CCI ने शुरू की स्पेशल मिशन…

डेस्क : निजी अस्पतालों (Private Hospital) के लूट से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जाता है। इस मनमानी से परेशान लोग अपनी जिंदगी बचाने के लिए सब कुछ निछावर कर देता है। लेकिन, अब इस रोक लगने की संभावना है।

दरअसल, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने दवा और चिकित्सा उपकरण निर्माताओं की मिलीभगत से अस्पतालों द्वारा दवाओं के अत्यधिक दाम वसूलने के आरोप में देश की तीन बड़ी अस्पताल श्रृंखलाओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और उनसे जवाब मांगा है। सीसीआई ने तीन अस्पतालों को नोटिस भेजकर दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कीमत तय करने का तरीका बताने को कहा है।

इसमें मैक्स हेल्थकेयर (Max Healthcare), फोर्टिस हेल्थकेयर (Fortis Healthcare) और अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals) शामिल है। जांच को लेकर मैक्स हेल्थकेयर ने कहा है कि जांच अभी चल रही है। और अस्पताल सीसीआई के अधिकारियों को पूरा सहयोग कर रहा है। वहीं, दिल्ली के अशोक विहार स्थित एक मेडिकल स्टोर पर उसी कंपनी की एक ही सीरिंज 11.50 रुपये की एमआरपी पर उपलब्ध है। दुकानदार ने इस पर भी डेढ़ रुपये की छूट देकर शर्मा को 10 रुपये में सिरिंज दे दी।

दोगुने पैसे वसूलने पर की शिकायत : एक सामाजिक कार्यकर्ता ने सीसीआई में शिकायत की थी कि अस्पताल दवा कंपनियों के सहयोग से मरीजों से दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के मनमाने दाम वसूली कर रहा है। आरोप है कि मैक्स हेल्थकेयर अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग कर रही है और सीरिंज बनाने वाली कंपनी बेक्टन डिकिंसन इंडिया के सहयोग से मरीजों से ज्यादा धोखाधड़ी कर रही है। सामाजिक कार्यकर्ता विवेक शर्मा ने कहा कि नई दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एक सिरिंज के लिए 19.50 रुपये चार्ज किए गए।

मुनाफा 527 फीसदी : बता दे कि सीसीआई की जांच के मुताबिक अस्‍पताल मेडिकल उपकरणों और दवाओं पर 527 फीसदी का प्रॉफिट मार्जिन लेता है। हालांकि, CCI को जांच के दौरान मैक्स और बेक्टन के बीच मिलीभगत के सबूत अभी मिले नहीं है। अब मैक्स हेल्थकेयर, फोर्टिस हेल्थकेयर और अपोलो हॉस्पिटल्स को नोटिस देकर सीसीआई ने उन फार्मेसियों, वेंडर्स और कंपनियों का ब्योरा मांगा है, जहां से ये अस्पताल सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाएं और मेडिकल उपकरण खरीदता है।