भारत की अंतिम दुकान से लेकर दुनिया के सबसे ऊंचे गांव तक, यहां हैं देश की 5 आखिरी जगहें..

डेस्क : दुनिया कितनी बड़ी है उसका हम केवल अंदाजा मात्र ही लगा सकते हैं। हालांकि लोगों द्वारा बनाई गई अपनी कलाकारी में चीजों के नाम में उस अंत को दर्शाया जाता है, जिसने लोगों को अपनी ओर आकर्षित भी किया है।ऐसे ही स्थानों के बारे में जानने के बाद लोगों की जिज्ञासा और लालसा और भी बढ़ जाती है ,इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में बताएंगे, जो भारत की आखिरी जगह माने जाती है।
लिहाजा चलिए शुरू करते हैं –.

भारत की आखिरी दुकान : आनंद महिंद्रा का ट्वीट सबको अपनी तरफ खींच लेता हैं। आनंद महिंद्रा अधिकतर लोगों की क्रिएटिविटी करतब को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से ‘हिंदुस्तान की अंतिम दुकान’ की तस्वीर शेयर कर चुके हैं। आपको बता दें कि यह दुकान उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में है और यहां एक फेमस सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जा चुका है। आनंद महिंद्रा के ट्वीट के मुताबिक वह भी वहां चाय पीना और सेल्फी लेना पसंद करते हैं। –

भारत का आखिरी गांव : चितकुल मूल रूप से भारत-तिब्बत और चीन की सीमा के पास बसा हुआ गांव है, लेकिन उत्तराखंड सीमा पर बसे माणा गांव को ही आधिकारिक तौर पर ‘भारत के अंतिम गांव’ के रूप में जाना जाता है। अगर भूमि क्षेत्र की बात करें तो धनुषकोडी को भारत की आखिरी भूमि के रूप में जाना जाता है ,क्योंकि यहां मौजूद एक सड़क को भारत की अंतिम सड़क भी कहा जाता है। क्योंकि इस सड़क से धनुषकोडी से श्रीलंका महज 31 किलोमीटर ही दूर है।

सिंहाबाद स्टेशन : पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर में स्थित सिंहाबाद रेलवे स्टेशन भारत के सबसे पुराने और आखिरी रेलवे स्टेशन माना जाता है , जो बांग्लादेश में सटी सीमा पर बसा है। आपको बता दें कि यह रेलवे स्टेशन आज़ादी के हुआ है । यह पहले से बना स्टेशन है और यह आज भी वैसा का वैसा ही है। सिंहाबाद रेलवे स्टेशन के बाद भारत का और कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है।

कन्याकुमारी तट : कन्याकुमारी समुद्रतट ना केवल खूबसूरत है, बल्कि भारत का आख़िरी समुद्र तट भी है। यहां पर स्थानीय खाने के साथ ही आपको खूबसूरत दृश्यों का लुफ्त उठाया का भी आनंद मिलेगा।

तुरतुक गांव : लद्दाख के सीमा खार दूंगला दर्रे पर स्थित तुरतुक गांव अपने पहाड़ों की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। बता दें कि यहां पर बाल्टी संस्कृति के लोग रहते हैं और यह गांव अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए बेहद प्रसिद्ध है और इसी के लिए इसे जाना जाता है।