किस्मत! मछुआरों को मिली 13 लाख कीमत वाली मछली, बदल गई लाइफस्टाइल..

डेस्क : देश में मछली का व्यापार कई राज्यों में बड़े स्तर पर किया जाता है। हालांकि मछली के कारोबार में कई बदलाव भी आए हैं। पहले एक जाति विशेष निषाद जाति के लोग ही मछली से जुड़े कारोबार करते थे। लेकिन अब हर वर्ग और हर जाति के लोग मछली पालन करने लगे हैं। वहीं मछुआरों का जीवन यापन इसी से होता है। ऐसे में पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में मछुआरों को एक ऐसी मछली मिली जिससे उसकी किस्मत ही पलट गई। इस खास मछली को लाखों रुपए में बेचा गया।

26 हजार प्रति किलो बिकी मछली : मछुआरों को मिलने वाली मछली का नाम तेलिया भोला है। इस विशाल मछली तेलिया भोला का वजन 55 किलोग्राम है। इस मछली को दीघा पहुंचा दिया गया, जहां इसकी नीलामी हुई। इस मछली के लिए लगातार 3 घंटे तक नीलामी चलने के बाद 26,000 रु प्रति किलो कीमत तय किया गया, पूरे मछ्ली की कीमत 13 रूपये हुआ। इतने कीमत सुन लोग हैरान हो रहे हैं।

औषधियां बनाने में आएगी काम : इस विशालकाय मछली को एक कंपनी ने खरीदा है। इस मछली की कई विशेषताएं हैं। इस मछली का काफी बड़ा होता है। मछली का उपयोग औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। वहीं इसके जबड़े को विदेशों में बेचा जाता है।

विदेशी कंपनी ने खरीदा मादा मछली : इस मछली को एक विदेशी कंपनी खरीदने के लिए लाखों रुपए खर्च की है। यह एक मादा मछली है, जो अंडा कैरी करने वाली है। मालूम हो कि इससे छह दिन पहले एक नर तेलिया भोला मछली 9 लाख रुपये में बिका। बीते 27 जून को दीघा में काफी संख्या में लोग विशाल मछली को देखने के लिए उमड़ पड़ी।

55 किलो के इस मछली से 5 किलो अंडा निकला, जिसके इसका वजह 50 किलो हो गया। पहले भी मिलती रही हैं ऐसी मछलियां कुछ महीने पहले पूर्वी गोदावरी जिले के अंतर्वेदी गांव में एक मछुआरे को एक काफी दुर्लभ मछली मिली थी, जिसे ‘कचिड़ी’ कहा जाता है। कचिड़ी नामक ये दुर्लभ मछली दिखने में सुनहरी होती है। मछुआरे को जो कचिड़ी मछली मिली है उसका वजन 28 किलोग्राम रहा था। इस एक मछली से मछुआरे को 2.90 लाख रुपये की इनकम हुई। यानी रातोंरात एक ही मछली ने मछुआरे की किस्मत बदल दी।

कहां मिली थी मछली कचिड़ी मछली को आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में एक मिनी-फिशिंग बंदरगाह पर पकड़ा गया। फिर मछुआरे ने भीमावरम के निकट नरसापुरम शहर में एक व्यापारी को इस सुनहरी मछली बेच दी। ‘कचिड़ी’ मछली को वास्तव में मछुआरों और व्यापारियों द्वारा इसकी उच्च कीमत के कारण सुनहरी मछली के नाम से जाना जाता है। यह खास मछली गहरे समुद्र में पाई जाती है। जानकारी के अनुसार मछली के कुछ हिस्सों का उपयोग हेल्थकेयर सेक्टर में दवाओं में किया जाता है।