पिछले 11 वर्षों से नहीं हुई है भारत मे जनगणना, पूरी तरह बदल सकता है अगली जनगणना का प्रॉसेस, हो सकती है ई-जनगणना की शुरुआत

किसी भी देश या क्षेत्र विशेष के लोगों के बारे में विधिवत तरीके से सूचना प्राप्त करना तथा उसे रिकॉर्ड करना जनगणना कहलाता है। यह एक निश्चित अंतराल के बाद करवाई जाती है। भारत में यह अंतराल 10 वर्षों का है। भारत के अंतिम जनगणना वर्ष 2011 में करवाई गई थी तथा वर्ष 2021 में पुनः होनी थी। लेकिन कोविड महामारी की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सकता। 1949 के बाद से जनगणना भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महा रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त द्वारा करवाया जाता है।इसका पूरा जिम्मा गृह मंत्रालय का रहता है।

भारत मे वर्ष 2011 के बाद अब तक नहीं हो पाई है जनगणना भारत की जनगणना वर्ष 2021 में होनी थी लेकिन यह नहीं हो पाई। भारत में जनगणना का प्रोसेस अब तक काफी उलझाने वाला रहा है। हजारों कर्मचारियों की योगदान के बावजूद भी जनगणना का कार्य पूरा होता है तो उसमें कुछ ना कुछ खामियां और गलतियां रह ही जाती हैं। इसलिए आने वाली जनगणना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा फैसला किया है। सारे कार्यों को टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए अब जनगणना को भी इससे जोड़ दिया जाएगा ताकि गलतियां ना हो। वर्ष 2024 तक हर जन्म मृत्यु को जनगणना से जोड़ दिया जाएगा। इसे जनगणना का काम ऑटोमेटिक तरीके से अपडेट होता रहेगा।

क्या है ई जनगणना ई जनगणना अर्थात इलेक्ट्रॉनिक जनगणना। इसके जरिए जन्म और मृत्यु रजिस्टर को जनगणना से जोड़ा जाएगा और इसी जन्म के आधार पर 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर व्यक्ति का वोटर लिस्ट में नाम जुड़ जाएगा तथा किसी की मृत्यु होने पर उसका नाम जनगणना लिस्ट से हटा दिया जाएगा। इसे जनगणना फिर से अपडेटेड और हमेशा सही रहेगी। इस पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से चलाने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर बनाया गया है। इसमें हाई, टेक्निक मल्टी परपस और सेन्सस जैसे की व्यक्ति की जानकारी तथा परिवार के आर्थिक हालात संबंधित सभी जानकारी हमेशा ही अपडेटेड होकर रहेगी।

किस तरह के फ़ायदे होंगे ई जनगणना के आने के बाद ई जनगणना का सबसे बड़ा फायदा रहेगा प्रमाणिकता के साथ सटीक जनगणना और जनसंख्या का पता लगना ।गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि आने वाले 25 वर्ष का विकास का खाका भी इसी से तैयार किया जाएगा। यह पेपर लेस होगा तथा मल्टीपर्पज और त्रुटि हीन रहे यह विभाग की पूरी कोशिश रहेगी। इसमें व्यक्ति के व्यक्तिगत डाटा भी रहेंगे जिससे लोगों को तरह-तरह के काम करवाने वास्ते सरकारी ऑफिस के चक्कर ज्यादा न लगाने पड़ेंगे और सारे काम आसानी से हो जाएंगे। यह काफी प्रमाणिक रहने वाला जनगणना होगा।