डॉक्टरों ने कहा 95% हो चुकें हैं फेफड़े संक्रमित अब कुछ नहीं हो सकता- महिला ने फिर भी जीती जंग

डेस्क : दुनिया की गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज पॉजिटिव सोच के साथ हो सकता है। ऐसा ही कारनामा करके दिखाया है शिशोदा निवासी नर्मदा पालीवाल ने नर्मदा की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। जिसके बावजूद कोरोना का संक्रमण उनके फेफड़ों में 95% तक चला गया था। संक्रमण इतना खतरनाक था कि डॉक्टरों ने कह दिया था कि अब इनका बचना मुश्किल है।

लेकिन नर्मदा पालीवाल की पॉजिटिव सोच के चलते उनकी जान बच गई बता दें कि महिला को काफी तेज बुखार हो गया था। उनके हाथ पैर काफी दर्द हो रहे थे और खांसी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। परिजन पूरी तरह से निराश हो गए थे। बता दें कि महिला का भाई नंदलाल पालीवाल एलडीसी है। उनका कहना है कि जांच में यह बात निकल कर आई थी की रिपोर्ट नेगेटिव है। फेफड़ों में इतना ज्यादा संक्रमण हो गया कि उनको उदयपुर रेफेर किया गया। उनका सिटी स्कैन भी करवाया गया। जब सीटी स्कैन की रिपोर्ट आई तो पता चला कि फेफड़ों में 95% तक संक्रमण आ चुका है।

उसके बाद यह मालूम हुआ कि उनको कैंसर भी है। इतनी बात बताकर उदयपुर के डॉक्टरों ने नर्मदा को घर भेज दिया। जब यह खबर परिवार वालों को पता चली तो वह परेशान हो गया लेकिन इतने डरा देने वाली बीमारियों के नाम सुनकर नर्मदा ने हौसला नहीं हारा और उन्होंने अपना इलाज घर पर ही शुरू कर दिया। वह हमेशा अच्छा सोचने लगी और पॉजिटिव विचार ही दिमाग में प्रवेश करने देती थी। इस पॉजिटिव विचारधारा के चलते उन्होंने 95% संक्रमण को खत्म कर दिया। इतनी घातक संक्रमण के बाद अब उनकी जिंदगी सही दिशा में चल पड़ी है।