Debolina Roy : त्रिपुरा की देबोलीना अब चलाएंगी ट्रेन, बनी देश की पहली महिला लोको पायलट

Debolina Roy : आज 21वीं सदी है और आज भी देश के कई स्थानों में लड़के और लड़कियों को बराबरी का हिस्सा नहीं दिया जाता है,लेकिन इस बात को झूठलाया नहीं जा सकता है लड़कियां आज लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। आए दिन ऐसी बहुत सारी खबरें आती हैं जिन्हें सुनकर हम गौरवान्वित होते रहते हैं, देश के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और ना सिर्फ हिस्सा ले रही हैं बल्कि वह इसमें कामयाबी भी पा रही हैं।

ऐसा ही एक किस्सा आया है देश के त्रिपुरा से जहां की देबलीना रॉय Debolina Roy from Tripura पहली महिला लोको पायलट (First Woman Loco Pilot) बन गई हैं, लोको पायलट ट्रेन को ऑपरेट करते हैं, उन्होंने इसके लिए मेहनत करके सेंट्रल लेवल की परीक्षा पास करी है और असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर उनका चयन हुआ है,अपने चयन को लेकर देवलीना कहती हैं कि हर लड़की को अपने सपने पूरे करना चाहिए, देवलीना की स्कूलिंग अगरतला के डॉन बॉस्को से हुई है, इन्होने टीआईटी (TIT), अगरतला से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क‍िया है. देबोलीना ने 2017 में गार्गी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (GMIT), कोलकाता से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है.

देवलीना के माता पिता बेटी की इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं, इनकी माता का नाम चंद्रानी भट्टाचार्य और पिता का नाम रणबीर राय है, और पूरा परिवार अगरतला में ही निवासरत है। माता पिता का कहना है कि उन्होंने बचपन से ही बेटी को शिक्षित करने का लक्ष्य बनाया था और आज असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर चयनित होकर बेटी ने सपने को पूरा किया है। आपको बता दें कि लोको पायलट वह व्यक्ति होता है जिसकी आवश्यकता ट्रेनों को चलाने और ट्रेन चलने के दौरान प्रभावी तरीके से निगरानी करना होता है. यह भारतीय रेलवे में एक सीनियर पद है और कोई भी उम्मीदवार लोको पायलट के रूप में सीधे भर्ती नहीं हो सकते हैं।