हवा के ज़रिए फ़ैल सकता है संक्रमण, जानिये The Lancet पात्रिका की स्टडी में किए गए दावे के बारे में

डेस्क : कोरोना वायरस मास्क और दो गज की दूरी ही नहीं बल्कि अब हवा के ज़रिए भी फैलने लगा है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह बात तो चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में छपी थी जिसमें साफ़ लिखा है की सार्स-सीओवी-2 वायरस हवा में भी फैलता है। जहाँ कहीं भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेंटर तैयार किए गए हैं वहां पर इसकी रोकथाम के कोई भी विशेष प्रबंध नहीं है और इसलिए इसको रोक पाना मुश्किल हो जाता है। इस रिपोर्ट को ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के सइंटिस्टों ने मिलकर तैयार किया है।

इस बात पर WHO ने भी हामी भरी है और कहा है की यह बात बिलकुल सही है की वायरस हवा से फैलता है। इस बात के वैश्विक स्तर पर प्रमाण भी मौजूद हैं। विशेषज्ञों का मानना है की हाथ धोने और नियमित दूरी बनाकर रखने से जरूर वायरस का ख़तरा टल जाता है लेकिन इसका ख़तरा हवा में ज्यादा होता है, जिसके चलते मास्क एक जरूरी उपकरण है जो लोगों के लिए सहायक साबित हो सकता है। कुछ महत्वपूर्ण बातें जो सामने निकल कर आईं हैं वह इस प्रकार है की 50 लोगों में संक्रमण की वजह यह नहीं है की उन्होंने एक दुसरे को छुआ बल्कि 50 लोगों में संक्रमण का कारण हवा में फैला वायरस है। अगर बंद कमरे में लोग हैं तो उनको हवा के ज़रिए वायरस जकड़ सकता है लेकिन वही कमरा खुला हो तो संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है।

जिन लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं थी, जैसे सर्दी खांसी और ज़ुकाम वह लोग कुल संक्रमण के 40 प्रतिशत भागीदार हैं। WHO ने जब से यह सारी रिपोर्ट सही ठहराई हैं तब से चिंता और बढ़ गई है। भारत में स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है। देश के राज्य अब नाइट कर्फ्यू को सेमि लोकडाउन मानकर पालन कर रहे हैं। अब रोज़ाना आते नतीजों पर ही लोगों की उम्मीद टिकी है।