पंचतत्व में विलीन हुए ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, नम आंखों से दी गई विदाई, बेटी ने कहा, “मेरे पापा मेरे बेस्ट फ्रेन्ड थे”.

डेस्क : तमिलनाडु में हुए विमान हादसे में देश ने सीडीएस विपिन रावत ,उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर लिड्डर समेत 13 जवानों को खो दिया है।हादसे में सिर्फ देवरिया के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदा बचे हैं जिन्हें काफी चोट लगी है और वह अस्पताल में भर्ती हैं

इस हादसे में जान गंवाने वाले हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर का आज सुबह 9:30 बजे दिल्ली कैंट के ऊपर बरार स्क्वायर में अंतिम संस्कार किया गया।ब्रिगेडियर के पार्थिव शरीर को देखकर उनकी पत्नी और बेटी के आंख से आंसू का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा था।

ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को सेना मेडल मे विशिष्ट सेवा सेना मेडल सम्मान मिला हुआ था ।इन्होंने जम्मू कश्मीर में कई आतंक विरोधी अभियान चलाएं थे । इनका नाम हमेशा मुश्किल इलाको में बटालियन का नेतृत्व करने मे गिना जाता था। एक वक़्त मे कजाकिस्तान दूतावास में भी इनकी तैनाती रही थी ।ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर CDS बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार थे।सूत्रों के वे जल्द मेजर जनरल बनने वाले थे। इतना ही नही इनके पिता खुद भारतीय कर्नल रहे थे।

ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर के परिवार में पत्नी और बेटी है।ब्रिगेडियर की पत्नी का कहना है, “मै एक जवान की पत्नी हूँ, मेरे और देश के लिए ये गर्व की बात हैहै, मुझे मेरे पति पर गर्व है । जब भगवान की यही मर्जी है कि हम उन्हे ऐसे ही स्वीकार करे तो मै क्या बोलू, हम उन्हे ऐसे नही चाहते थे”.

वही उनकी एकलौती बेटी ने अपने पापा की शहादत पर कहा, ” मै 17 साल की होने जा रही हूँ अब तक की सारी अच्छी यादे लेकर ही आगे चलेगे । ये पूरे देश का नुकसान है। मेरे पापा हीरो थे और मेरे बेस्ट फ्रेन्ड थे ।उनकी बेटी ने ही उन्हें मुखाग्नि दी और उन्हे पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हे अंतिम श्रद्धांजलि दी।