एक ही दिन पैदा हुए, एक ही दिन चल बसे… , कोरोना से गयी जुड़वाँ भाइयों की जिंदगी

डेस्क : कोरोना के कारण लोगों की जान जा रही है। हर तरफ लोग भरपूर प्रयास कर रहें हैं की ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके। उत्तर प्रदेश में इस वक्त कोरोना के मामले घट रहे यहीं लेकिन मौत का आंकड़ा उसी प्रकार चल रहा है। UP के मेरठ से दो जुड़वा भाइयों की मौत की खबर आई है। दोनों भाई कोरोना से जूझ रहे थे। इस बात का किसी को भी अंदाजा नहीं था की दोनों भाई एक साथ पैदा होंगे और एक साथ मरेंगे।जुड़वा बेटों की माँ का नाम ग्रेगरी रफेल है।

जब दोनों पुत्र उनके घर पैदा हुए थे तो उनको काफी ख़ुशी हुई थी। वर्ष 23 अप्रैल 1997 को ग्रेगरी काफी खुश थी क्यूंकि उन्होंने जुड़वाँ लड़को को जन्म दिया था। लेकिन, 24 साल बाद दोनों को कोरोना हो गया। उनकी माँ का कहना है की दोनों बेटे यानी की जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी ने अपना 24वां जन्मदिन एक साथ मनाया था। दोनों ने लगभग सारे काम एक जैसे ही किए चाहे वह पढ़ना हो या खेलना। दोनों ने अपनी इंजीनियरिंग कंप्यूटर साइंस से पूरी की और एक साथ नौकरी पर लगे थे। लेकिन उन दोनों को शायद इस बात का अंदाजा नहीं था की दोनों को उम्र के इस पड़ाव पर ही साथ छोड़के जाना होगा। दोनों भाइयों ने जब जन्मदिन मनाया तो उनको कहीं न कहीं इस बात का डर था की अगर कोई एक जना भी बीमार हुआ तो दोनों बीमार हो सकते हैं। उन दोनों का कहना था की वह एक साथ ठीक होकर घर आएंगे।

लेकिन ऊपर वाले को शायद यह सब रास नहीं आया। सबसे पहले जोफ्रेड की मृत्यु हुई उसके बाद ग्रेगरी ने कहा की अब राल्फ्रेड भी नहीं बचेगा और कुछ ऐसा ही हुआ। दोनों भाइयों ने सोचा था की वह जर्मनी के बाद कोरिया गए थे। जब जोफ्रेड की मौत हुई तो राल्फ्रेड ने फ़ोन करके अपनी माँ से पुछा की उसका भाई कहाँ है तब घर वालों ने कुछ नहीं बताया जिस पर राल्फ्रेड ने कहा की माँ तुम झूठ बोल रही हो, और यह कॉल उनका आखिरी कॉल था। इस कॉल के राल्फ्रेड ने भी अपनी साँसे त्याग दी। यह परिवार उत्तर प्रदेश के मेरठ के छावनी क्षेत्र का है जहां पर दोनों भाइयों को पहले बुखार हुआ। बुखार का इलाज उन्होंने घर पर ही करना शुरू किया, लेकिन उनकी RTPCR रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसके चलते उनको कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया। दोनों की तबियत लगातार खराब हो रही थी। जिसके चलते सारे डॉक्टर दोनों को आईसीयू में ले जाने की योजना बना रहे थे। लेकिन तब तक उनकी जान नहीं बची।