भारत माता के वीर सपूत अमर शहीद सरदार भगत सिंह जी को उनकी जन्मजयंती पर शत-शत नमन

डेस्क : आज का दिन संपूर्ण भारत के लिए एक गर्व का दिन है क्योंकि आज के ही दिन भारत माता के एक सच्चे वीर सपूत का जन्म हुआ था जिन्होंने अपनी सारी जिंदगी भारत माता की आजादी में गवा दिए वह वीर सपूत और कोई नहीं बल्कि वीर भगत सिंह थे। आपको बता दें कि वीर भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर जिला के बंगा गांव में हुई थी। 1919 में जब अपने परिवार के साथ भगत सिंह अमृतसर के जलियांवाला बाग गए, तो वहाँ पर हुई हत्याकांड ने उनके अंदर क्रांतिकारी की बीज उगा दी ।

उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है?
हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है?दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें।
सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें॥

इस जोशीली पंक्तियों से भगत सिंह के शौर्य और पराक्रम का अनुमान लगा सकते है। जब वो पहली बार चंद्रशेखर आजाद से मिले तो उन्होंने जलती हुई मोमबती पर हाथ रखकर कसम खायी थी कि हमारी पूरी जिन्दगी देश पर ही कुर्बान होगी और उन्होंने वह कर दिखाया। उसके बाद उन्होंने भारत माता की आजादी के लिए अपने पूरे जीवन को न्योछावर कर दिए। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के साथ हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ गए।