बंस कंडक्टर की बेटी बनी IPS अफसर, जो पहले मारते थे ताना..अब करते हैं तारीफ

IPS Shalini Agnihotri: आज हम आपको देश के एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने घर पर बिना बताए यूपीएससी की तैयारी की। बावजूद इसके पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गए। हम बात कर रहे हैं आईपीएस शालिनी अग्निहोत्र (IPS Shalini Agnihotri) की। शालिनी ने कुछ ऐसा किया है जो मिसाल है। आइए जानते हैं आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री की कहानी।

आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री बचपन में एक बार अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थीं। इस दौरान एक शख्स ने अपनी मां की सीट की पीठ पर हाथ रख दिया था, जिससे वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं। उसने उस शख्स से कई बार हाथ हटाने को कहा, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। कई बार कहने के बाद वह शख्स भड़क गया और बोला- आप डीसी कहां दिख रहे हैं कि आपकी बात मान ली जाए। यहीं से शालिनी ने ठान लिया कि वह भी बड़ी होकर अफसर बनेगी।

इसके बाद शालिनी ने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर से कृषि में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के साथ-साथ शालिनी ने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी। कॉलेज के बाद वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करती थी और इसकी जानकारी उसने अपने घर वालों को भी नहीं दी थी। शालिनी सोचती थी कि यह इतनी कठिन परीक्षा है कि अगर वह पास नहीं हुई तो घरवालों को निराशा ही हाथ लगेगी। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने न तो कोचिंग ली और न ही किसी बड़े शहर का रुख किया।

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शालिनी अग्निहोत्री ने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी और 2012 में इंटरव्यू का रिजल्ट भी आया। शालिनी ने ऑल इंडिया में 285वीं रैंक हासिल की और उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) को चुना। शालिनी अग्निहोत्री के पिता रमेश अग्निहोत्री एक बस कंडक्टर थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर हैं और भाई एनडीए पास कर सेना में हैं।