अर्नब गोस्वामी को नहीं मिली राहत, भेजा गया तलोजा जेल बोले मेरी जान को है ख़तरा

डेस्क : रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ और संस्थापक अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने 4 नवंबर को उनके घर में घुसकर तड़के सुबह 5:00 बजे हिरासत में ले लिया था। ऐसे में उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई और अपने पक्ष में कुछ भी कहने का मोहताज मुंबई पुलिस ने उनको नहीं छोड़ा। उन पर आरोप लगाया गया है कि 2 साल पहले एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या को उकसाने पर उनको हिरासत में लिया गया है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर और अन्य अखबारों में यह खबर प्रकाशित होने लगी। किसी ने इसको मीडिया के मुंह पर तमाचा बताया है तो किसी ने कहा है कि ऐसे लोगों को जेल में डाल कर मीडिया की रक्षा होती है।

गोस्वामी का आरोप है कि पुलिस ने उनको 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था और गिरफ्तारी के दौरान भी उनसे तरीके से बात नहीं की। उनके साथ हाथापाई भी की गयी। उनका आरोप है कि उनके घर वालों के साथ भी महाराष्ट्र पुलिस ने हाथापाई की है। जब उनको पुलिस वैन में भरा जा रहा था तो वह कहते नजर आए थे कि मुझे बेल्ट से मारा है। ऐसे में अर्नब की रिहाई की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती दिख रही है।

बंबई हाईकोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए समय मांगा है क्योंकि जो उच्च स्तरीय न्यायाधीश है वह विचार विमर्श कर रहे हैं और विचार-विमर्श करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंच सकते हैं। ऐसे में अगर कोई भी पक्ष लेकर न्यायालय की ओर जाना चाहता है तो वह अपने आप में स्वतंत्र रूप से जा सकता है।अगर यह मामला आज या कल में नहीं निपटा तो दिवाली तक स्थगित किया जाएगा और ऐसे में 23 नवंबर के बाद ही फिर इस पर फैसला होगा। अर्नब की ओर से उनके वकील लगातार अलीबाग की पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं एवं राज्य सरकार पर भी आरोप लगा रहे हैं कि उनके हाथों में जो ताकत दी गई है उसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही उनको समय-समय पर प्रताड़ित भी किया जा रहा है।