डेस्क : भारतीय वायु सेना में पहली बार पिता-पुत्री की जोड़ी ने एक ही फाइटर फॉर्मेशन के लिए उड़ान भरा है। यह एक ऐतिहासिक क्षण ही जब पहली बार पिता-पुत्री की जोड़ी ने यह कमाल कर दिखाया है। वायुसेना में एक अनुभवी फाइटर पायलट के तौर पर तैनात एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या शर्मा, साल 21 में बतौर फाइटर वायु सेना का हिस्सा बनी।
30 मई 2022 को दोनों पिता – पुत्री ने बीदर के वायु सेना स्टेशन पर हॉक-132 एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स (AJT) के समान फॉर्मेशन में उड़ान भर कर इतिहास रच दिया। बीते मंगलवार को IAF अपने बयान में कहा कि पिता – बेटी की जोड़ी ने एक नया इतिहास लिख दिया है। हॉक-132 ने वायु सेना स्टेशन बीदर में ऐस के समान रूप में उड़ान भरी, जहां फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा तेज और अधिक उन्नत लड़ाकू जेट पर स्नातक होने से पहले प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
आईएएफ ने कहा इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ की एक मिशन के लिए पिता – पुत्री दोनों हिस्सा रहे हो। आगे कहा गया कि वे कॉमरेड हैं जिन्हे सहयोगी विंगमैन के तौर पर एक – दूसरे पर विश्वास था। एयर कमोडोर संजय शर्मा को कमीशन किया गया था। एयर कमोडोर शर्मा के पास मिग -21 स्क्वाड्रन के अलावा फ्रंटलाइन फाइटर स्टेशन की कमान संभालने के साथ लड़ाकू अभियानों का अनुभव है।