अपने कर्मचारियों के वेतन से पैसे काटकर रेलवे उन्हें देगा तिरंगा, फ़ैसले से नाराज़ कर्मचारी

डेस्क : स्वतंत्रता दिवस से पहले हर घर तिरंगा योजना 13 से 15 अगस्त तक लागू की जाएगी और प्रत्येक रेल कर्मचारी अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएगा। रेलवे इसके लिए अपने घर पर कर्मचारियों को तिरंगा झंडा फहराने के लिए देगा और इसके बदले में वे अपने वेतन से 38 रुपये प्रति झंडा वसूलेंगे। अब रेलवे के इस आदेश को संघ के नेता पसंद नहीं कर रहे हैं और उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया है।

उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्री चंदन सिंह ने कहा कि रेलकर्मी खुद ही देशभक्त हैं और अपने ही पैसे से तिरंगा खुद खरीदेंगे। यह नियम उन पर नहीं थोपना चाहिए। वहीं इस आदेश को लेकर जोनल महासचिव आरपी सिंह ने भी कहा है कि झंडा कर्मचारी हितलाभ कोष से खरीदा जाए लेकिन इसके लिए हमारी तनख्वाह से पैसा नहीं काटा जाए। जानकारी के मुताबिक रेलवे कर्मियों को बांटे जाने वाला तिरंगा एक निजी एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

15 अगस्त को रेलवे बोर्ड ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सभी जोनल महाप्रबंधकों, फैक्ट्री, आरपीएफ और अस्पताल प्रबंधन को अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराने का निर्देश पत्र भेजकर दिया है। इस तिरंगे की खरीद कर्मचारी लाभ कोष से की जानी है और बाद में रेलकर्मियों के खाते से काटे गए पैसे को कर्मचारी हितलाभ कोष में ही भेजा जाना है, लेकिन इसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि भाजपा कार्यालय में रेलकर्मियों को बांटे गए झंडे की कीमत 20 रुपये है, जबकि प्रधान डाकघर से इसे 25 रुपये में खरीदा जा सकता है।