डेस्क : दिल्ली के इंडिया गेट कैंपस यानी कि राजपथ में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बनकर तैयार हो गया है। इस परिसर को अब राजपथ नहीं, बल्कि कर्तव्य पथ कहा जाएगा। नए संसद भवन में लगे अशोक स्तंभ को लेकर जिस तरह विवाद हुआ था, उसी तरह अब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर देने से भी कई लोगों को मिर्ची लग गई है। इस बात का बहुत लोग विरोध कर रहे हैं कि आखिर राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने की क्या जरूरत थी?
जब भारत और भारतीय ब्रिटिश की गुलामी करते थे, उस दौर में भारत का राष्ट्रपति भाव वाइसरॉय हाउस के नाम से जाना जाता था।n जो सड़क यहां तक पहुचंने के लिए बनी थी, वह इंडिया गेट तक जाती है। उसे तब’ किंग्स वे’ कहा जाता था। King George V के सम्मान में ऐसा किया गया था।
देश जब आज़ाद हुआ तो Kings Way को हिंदी में ट्रांसलेट करके उसका नाम राजपथ कर दिया गया। 1947 से उसी King George V के सम्मान में दिए गए नाम ‘राजपथ’ को अब तक पुकारा जा रहा था। मतलब हम आज़ाद होने के बाद भी उसी गुलामी के प्रतीक वाले रास्ते में चल रहे थे। लेकिन अब भारत के लोग कर्तव्य पथ में चलेंगे। अब कर्त्तव्य पथ के कायाकल्प को बदला गया है। यहां अब कोई मौज मस्ती या पिकनिक नहीं मना सकेंगे। लोगों की सुरक्षा के लिए गार्डों की तैनाती भी की गई है।
आपको बता दें कि 9 महीने का वक़्त सेंट्रल विस्टा एवेन्यू को बनाने में लगा है। अब इसे कर्तव्य पथ कहा जाएगा। पीएम मोदी ने गुरुवार की शाम कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया। 9 सितम्बर से यहां लोग घूमना शुरू कर सकते हैं।