9वीं तक अंग्रेजी में फेल, पिता चाहते थे बने डिबेटर..आज हजारों बच्चों को बना रहे हैं IPS, जानें- विकास दिव्यकीर्ति की कहानी..

Vikas Divyakirti : यदि आप यूपीएससी या किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो जाहिर सी बात है कि आपने इंटरनेट पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री को पढ़ा या देखा होगा। आज के समय में किसी भी विषय के बारे में गहराई से जानने का यह एक शानदार तरीका है। यहां मौजूद वीडियो को देखकर आप डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के वीडियो देख चुके होंगे और आप में से कई लोग उनके पढ़ाने के अंदाज के फैन हो गए होंगे।

दिव्यकीर्ति की शिक्षा देने की शैली ऐसी है कि आज के समय में उनके लाखों अनुयायी या शिष्य हैं। वे UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को किसी भी विषय की जानकारी बहुत ही आसान और सरल तरीके से देते हैं। किसी भी विषय को पढ़ाने का उनका अनूठा तरीका और हास्य की भावना उन्हें उम्मीदवारों का सबसे पसंदीदा बनाती है।

जानिए कौन हैं डॉ. विकास दिव्यकीर्ति : डॉ. दिव्यकीर्ति ‘दृष्टि आईएएस’ कोचिंग संस्थान के संस्थापक हैं। हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ. दिव्यकीर्ति के माता-पिता दोनों ही हिन्दी साहित्य के प्राध्यापक थे। इसलिए उनका बचपन से ही हिंदी से लगाव रहा है। उनकी रुचि के अन्य विषय दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, सिनेमा अध्ययन, सामाजिक मुद्दे और राजनीति विज्ञान हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए, एमफिल और पीएचडी साहित्य किया है। इसके अलावा वे दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में स्नातकोत्तर भी हैं।

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाकर की थी। डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपने पहले ही प्रयास में वर्ष 1996 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। जिसके बाद उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय में नियुक्ति मिली। लेकिन वहां वे ज्यादा दिन काम नहीं कर सके और एक साल बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 1999 में ‘दृष्टि आईएएस’ कोचिंग संस्थान की स्थापना की। इसका मुख्यालय मुखर्जी नगर, दिल्ली में है। प्रयागराज और जयपुर में इसकी शाखाएं हैं। उनकी पत्नी डॉ. तरुण वर्मा भी इस कोचिंग संस्थान की निदेशक हैं। Drishti IAS के YouTube चैनल पर 7 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वहीं, इंस्टाग्राम पर उनके 7 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए लड़ी लड़ाई : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए काफी संघर्ष किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब यूपीएससी ने सीएसएटी (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट) लागू किया तो वे आंदोलनकारी छात्रों के साथ खड़े हो गए। उनका मानना ​​है कि आज भी SAT मॉडल के उत्तर केवल अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध हैं। छात्रों या किसी अन्य भाषा के लिए बहुत कम सामग्री है। कभी-कभी इसका अनुवाद भी नहीं होता। जिससे छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अनूठी शिक्षण शैली से लुभा रहे अभ्यर्थी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की अनूठी शिक्षण शैली के अभ्यर्थी कायल हैं। उम्मीदवारों का मानना ​​है कि उनकी पढ़ाने की अनूठी शैली ही उनकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण है। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर, सरल व्यक्तित्व, शांत व्यवहार और हिंदी भाषी छात्रों के लिए उनका प्यार और समर्थन किसी उम्मीदवार को कभी बोर नहीं होने दे सकता।