आखिर शराब की दुकान को ठेका क्यों कहा जाता है? अगर नहीं जानते हैं तो जान लीजिए.

डेस्क : आप रोजमर्रा की जिंदगी में कई शब्द सुनते हैं लेकिन एक ऐसा शब्द भी है जिसके कई अर्थ होने के बाद भी उस शब्द को सीधा शराब से जोड़ दिया जाता है। हम बात कर रहे हैं ठेका शब्द की। ठेका सुनते ही आपके दिमाग में भी दारू की भट्टी और शराब का ख्याल आया होगा। हालांकि ठेका का कई मतलब है। कॉन्ट्रैक्ट लेना को भी ठेका लेना ही कहते हैं। लेकिन फिर भी लोग ठेका से सीधा दारू को ही इमैजिन कर पाते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण है आइए जानते हैं।

ये है सही अर्थ

ठेका का सही अर्थ समर्थन या समर्थन है। इसे समझने के लिए उदाहरण हैं- शराब की बिक्री यानी ठेके में सरकार का सहयोग या समर्थन होता है, किसी भी निर्माण कार्य में निर्माता का सहयोग करना यानी ठेका लेना, किसी के अस्थायी रहने की जगह को ठेका या ठिकाना भी कहते हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत में, तबला वादन या कव्वाली का समर्थन करने वाले ‘ताल’ को भी ठेका कहा जाता है। और यह शब्द शास्त्रीय संगीत से ही लिया गया है।

इस वजह से शराब की दुकान का नाम पड़ा ‘ठेका’

दरअसल, इसका सारा श्रेय सरकार को जाता है, सरकार ने नियम बनाया कि हर शराब की दुकान के बोर्ड पर उसकी वैधता सहित अनुबंध की पूरी जानकारी स्पष्ट अक्षरों में लिखी जाए। इसलिए शराब दुकान मालिकों को निर्देशानुसार बोर्ड पर ठेका व संबंधित जानकारी लिखनी होगी। अब कोई भी अपनी शराब की दुकान का नाम अपने बच्चों, पूर्वजों, देवी-देवताओं आदि के नाम पर नहीं रखेगा। क्योंकि शराब की दुकान चलाना समाज में गर्व की बात नहीं है। इसलिए ठेकेदार अपना नाम छुपा कर रखते हैं और इसीलिए शराब की दुकानों पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होता है- ठेका देसी या अंग्रेजी शराब और उसके नीचे लाइसेंस नंबर और वैधता भी लिखी होती है। इसलिए शराब की दुकान का नाम ‘ठेका’ प्रचलित हुआ और यह शब्द सुनते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले शराब की दुकान की तस्वीर आती है।