डेस्क : पूरे देश में विजयादशमी अर्थात दसहरा का त्योहार काफी धूम धाम से मनाया जा रहा है। नवरात्रि की समाप्ति पर मेलों का आयोजन तथा दसवीं तिथि को रावण,मेघनाद, कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। पूरा देश लंकापति रावण के अधर्म पर श्री राम के विजय को हर्सोल्लास से मना रहा है। पर कुछ जगहें आज भी ऐसी हैं जहां रावण दहन नहीं वरन पूजन किया जाता है।ऐसी ही एक जगह है मध्यप्रदेश में विदिशा और राजगढ़।
यहाँ गांव के लोग रावण की पूजा करते हैं। मध्यप्रदेश के विदिशा ज़िले के नरेटन तहसील में विजयादशमी के दिन रावण की पूजा की जाती है। यहाँ रावण की एक प्रतिमा है जो लेटी हुई अवस्था में है। जिसे पूजा जाता है तथा कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भी इस मंदिर में आकर रावण की पूजा की जाती है।
न सिर्फ रावण बल्कि मेघनाद की भी की जाती है पूजा विदिशा के गजबासौदा के पास पलीता नामक एक गांव है। जहाँ एक चबूतरा है। इसे मेघनाद का चबूतरा कहा जाता है। आज के दिन यहां काफी पूजा पाठ किया जाता है। इसके अलावे गांव के लोग कोई भी शुभ कार्य करने से पहले इस चबूतरे की पूजा आराधना भी करते हैं।