12 साल की बच्ची ने PM मोदी को भेजा पत्र, अपने बुरे सपने का किया जिक्र,जानें क्या कहा…

डेस्क : जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता रिधिमा पांडे (12) साल की छोटी सी बच्ची ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हाथों से पत्र लिख कर भेजा है। जिसमे वह अपने सबसे खराब सपने का जिक्र की है, कैसे वह ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ स्कूल जा रही है।पत्र में रिद्धिमा ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन सिलेंडर बच्चों के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं बने। जिसे हमें निकट भविष्य में हर जगह अपने कंधों पर लेकर जाना होगा।

उत्तराखंड निवासी और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता रिधिमा पांडे (12)ने बताया वह पत्र लिखने के लिए मजबूर हो गयी थी, कोरोनो वायरस बीमारी के कारण मानव गतिविधियां सीमित हो गयी थी तब हम सबने देखा हमारे आसपास प्रदूषण का स्तर काफी हद्द तक कम हो गया था , जिस कारण आसमान साफ और नीला दिख रहा था। संयुक्त राष्ट्र ने 7 सितंबर को International Day of Clean Air for Blue Skies घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र के इस घोषणा का मकसद सभी स्तर पर जनता में जागरुकता पैदा करना है। उन्हें यह बताना है कि स्वच्छ हवा स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए मैंने इस दिन को चुना। मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी को मेरा पत्र प्राप्त होगा और वह जवाब देंगे। मैंने डाक के माध्यम से पीएम को पत्र भेजा है।

पत्र में क्या लिखा रिद्धिमा ने “मेरा नाम रिधिमा पांडे है। में 12 साल की हूं। मैं हरिद्वार, उत्तराखंड में रहती हूं। मुझे उम्मीद है कि आप इस पत्र को पढ़ेंगे और जवाब देंगे। एक बार स्कूल में हमारे शिक्षक ने हमसे हमारे बुरे सपने के बारे में पूछा था। मैंने उन्हें बताया था कि मेरा बुरा सपना ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर स्कूल आना था, क्योंकि हवा काफी प्रदूषित हो गई है। यह दुःस्वप्न अभी भी मेरी सबसे बड़ी चिंता है।” चिट्ठी में रिधिमा ने कई घनी आबादी वाले शहरों में खतरनाक वायु प्रदूषण के स्तर का हवाला दिया।

“मुझे चिंता है कि अगर जल्द ही इस समस्या के बारे में कुछ भी नहीं किया जाता है, तो आने वाले वर्षों में हमें स्वच्छ हवा में सांस लेने और जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाना होगा। कृपया आर यह सुनिश्चित करके हमारी मदद करें कि ऑक्सीजन सिलेंडर बच्चों के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं बने। जिसे हमें निकट भविष्य में हर जगह अपने कंधों पर रखना होगा।” रिधिमा ने बताया , उन्हें कई शोध अध्ययनों के बारे में पता चला है जो वायु प्रदूषण और कोरोना से संबंधित घटनाओं और मृत्यु दर के बीच संबंध का सुझाव दे रहे हैं। भारत के कई हिस्सों में हर साल हवा बहुत प्रदूषित हो जाती है। अक्टूबर के बाद सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। मुझे चिंता है कि अगर मेरे जैसे 12 साल के बच्चे को सांस लेने में मुश्किल होती है, तो दिल्ली या अन्य शहरों में मेरे से छोटे बच्चों के लिए यह कैसा होता होगा।”

रिधिमा ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा, “देशव्यापी लॉकडाउन से पहले हमने सोचा था कि हम कभी भी स्वच्छ हवा में सांस नहीं ले पाएंगे, प्रतिबंधों ने हमें गलत साबित कर दिया। हवा साफ हो गई और आसमान नीला हो गया। यह साबित हुआ कि भारतीयों के लिए स्वच्छ हवा में सांस लेना संभव है।” उसने कहा कि पीएम ने जलवायु परिवर्तन को एक वास्तविकता के रूप में स्वीकार किया है। चिट्ठी में रिधिमा लिखती है, “भारत के सभी बच्चों की ओर से मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहती हूं। कृपया हमारे भविष्य के बारे में सोचें। कृपया देश भर में प्रदूषण के प्रबंधन के लिए सभी अधिकारियों और अधिकारियों को सख्त निर्देश दें।’