न्यूज डेस्क : पानी हमारी बुनियादी जरूरतों में से है। पर इसकी अहमियत अब तक हम समझ नहीं पा रहें हैं। जिस तरह से पानी की महत्ता को समझे बिना इसे बर्बाद किया जा रहा है तो वो दिन दूर नहीं जब पानी की कमी से मौतें होने लगें। कितना भयावह होगा वो दृश्य जब पानी न मिलने की वजह से किसी की मौत हो। राजस्थान के जालौर जिला के रानीवाड़ा इलाके में ऐसा ही कुछ हृदयविदारक दृश्य देखने को मिला है जहाँ सिर्फ 6 वर्ष की बच्ची अंजलि की मौत सफर में पानी न मिलने से हो गई ।अंजलि अपनी 60 वर्षीय नानी के साथ रिश्तेदार के यहाँ जा रही थी। रास्ता 22 किलोमीटर लंबा ।
पैसे न होने की वजह से दोनों ने पैदल जाना तय किया और छोटे रास्ते को चुना जो करीब 15 किलोमीटर का था। लगभग 7-8 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद दोनी सुस्ताने को ठहरे। 45 डिग्री की गर्मी के बीच रेत में सफर और पानी का न मिलने कितना बैचैन करने वाला हो सकता है। ये सोचना भी संभव नहीं। प्रकृति ने भी बच्ची के साथ क्रूर मज़ाक कर दिया और बच्ची जहाँ सुस्ताने को बैठी वही पर दम तोड़ दिया। अंजलि की नानी भी घंटो वहीं बेहोश पड़ी रही। जिम्मेदार कौन इस दर्दनाक दृश्य के लिए आखिर किसे जिम्मेदार बताया जाए।
राष्ट्र भले ही तकनीकी रूप से विकसित होता जा रहा पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर इसके मूल स्रोत को नुकसान पहुचाने का ही नतीजा है ऐसी भयावह घटना। हालांकि राजस्थान का इलाका पहले से ही रेतीला और पानी की किल्लत झेलने वाला रहा है पर मानव कही भी हो पानी के बिना उसकी कल्पना ही संभव नहीं। पृथ्वी को नीले ग्रह के रूप में जाना जाता है और आज यही ग्रह पानी की कमी की वजह से मौत की घटना देख रहा है।दोनों बातें विरोधाभासी ज़रूर है पर सच है और ध्यान देने योग्य।