केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में हिंसा भड़की हुई है। इस विरोध प्रदर्शन में बिहार में सरकार की 200 करोड़ संपत्ति का विनाश हुआ है। शनिवार को इसकी जानकारी रेलवे के एक अधिकारी ने दी है उन्होंने बताया कि 50 कोच और 5 ईंजन पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। इतना ही नहीं टॉफर्म,कंप्यूटर सिस्टम आदि टेक्निकल चीज़ भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ भड़के उपद्रवियों ने कई ट्रेनों को फूंक दिया है। रेलवे स्टेशनों और रेलवे ट्रैकों पर तोड़फोड़ कर रहे हैं। इस योजना को वापस लेने के लिए रेलवे स्टेशनों को जला दिया गया और तो और कर रहे हैं। इसलिए 3 दिन से छात्र धरना प्रदर्शन कर सरकार से इस योजना को वापस लेने की मांग करें। दानापुर रेलवे डिविजन एडीआरएम प्रभात कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के कारण रेलवे की 200 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रेलवे के 50 डिब्बों और 5 इंजनों में आग लगा दी जिसके चलते रेल परिचालन बाधित हुई। इसके अलावा प्लेटफॉर्म के अंदर घुसकर कंप्यूटर और अन्य तकनीकी सामान का भी तोड़फोड़ किया। बता दें कि शुक्रवार को छपरा रेलवे स्टेशन, गोपालगंज के सिधवलिया और भभुआ रोड स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों के क़रीब एक दर्जन डिब्बों में आग लगा दी गई। बरौनी गोंदिया एक्सप्रेस के 3 डिब्बे चलाए गए। प्रदर्शनकारियों ने सिवान में भी एक रेल के इंजन में आग लगाने की कोशिश की।
प्रदर्शन का सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मध्य रेलवे पड़ा है जिसमें बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे आते हैं। इन आगजनी और तोड़फोड़ को देखते हुए रेलवे ने 18 जून को 315 ट्रेनों को रद्द कर दिया। बिहार सरकार ने पिछले 3 दिनों से जारी प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए बिहार में 15 जिलों में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है। 19 जून तक बंद रहेगा।