न्यूज़ डेस्क: समाज के लिए कुछ करने की चाह हो तो किसी भी उम्र में किया जा सकता है। 10वीं में पढ़ने वाली दिल्ली की एक बच्ची ने समाज में मिसाल पेश की है। इस बच्ची ने अपने माता पिता पर आश्रित होते हुए भी अपनी पॉकेट मनी बचाकर यानी इसे खुद पर खर्च ना कर दूसरे बच्चों के लिए लाइब्रेरी बनाया है। बच्ची के सराहनीय कदम से लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।इस बच्ची का नाम ईशानी है। ईशानी ने गाजियाबाद के डासना इलाके में बच्चों के पढ़ने के लिए एक पुस्तकालय खोलने में योगदान दिया है। पढ़ाई को लेकर जुनूनी ईशानी स्कूल टूर पर राजस्थान गई थीं। वहां उन्होंने देखा कि संसाधन के अभाव में बच्चे शिक्षा से वंचित हैं।बच्ची ने 1.50 रुपए किए जमाऐसे में उनके मन में विचार आया कि ऐसे बच्चों के लिए कुछ किया जाना चाहिए ताकि वे शिक्षा के करीब पहुंच सकें।
इसके बाद वह अपनी पॉकेट मनी के साथ दिवाली, रक्षाबंधन और जन्मदिन पर मिले पैसों को जोड़ने लगा। इस तरह उन्होंने 1.50 लाख रुपए जमा किए और इस पैसे से बच्चों के लिए बुक हाउस बनाने में मदद की।35 बच्चों के बैठने और पढ़ने के लिए बुकशेल्फ़ तैयार करने में मदद करने के लिए जिला प्रशासन और ग्रामीण ईशानी की सराहना कर रहे हैं।
ईशानी अग्रवाल दिल्ली के प्रीत विहार में रहती हैं। उनके पिता आदित्य वर्ल्ड सिटी, गाजियाबाद के एक निजी स्कूल के निदेशक हैं। ईशानी की मां का नाम सिरौना अग्रवाल है। अब इस बुक हाउस में कई तरह की किताबें भी रखी जाएंगी, जिससे छात्र यहां बैठकर ज्ञान ग्रहण कर सकेंगे।