आखिर क्यों रामायण की सीता को बनना पड़ा था एक गैर मजहबी की पत्नी – खुद कमरे पे आके बताई वजह

देश में फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ की चर्चा अभी खत्म नहीं हुई है कि कश्मीर पर आधारित एक और फिल्म ‘गालिब’ अगले महीने सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार हो रही है. जानकारी के मुताबिक ये फिल्म आतंकी अफजल गुरु और उसके आसपास के घटनाक्रम से प्रेरित है. बता दे कि इसमें मशहूर सीरियल ‘रामायण’ में सीता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया आतंकी अफजल गुरु की पत्नी के रोल में नजर आएंगी।

दीपिका चिखलिया, जो सीरियल ‘रामायण’ में सीता के किरदार से मशहूर हुईं, ‘नहीं चाहती आतंकवादी की पत्नी का role’, वह एक आतंकवादी की पत्नी की भूमिका नहीं निभाना चाहती थी क्योंकि वह अपनी सीता छवि के बारे में चिंतित थी। लेकिन, जब फिल्म की टीम ने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई तो वह भावुक हो गईं। दरअसल फिल्म में अफजल गुरु को बेहद प्रतीकात्मक रूप में दिखाया गया है। दरअसल, यह फिल्म मां और बेटे के मजबूत रिश्ते पर आधारित है। फिल्म की कहानी यह है कि यह तय करना है कि इसका कौन सा नायक गालिब बंदूक और कलम के बीच चयन करता है।

उन्होंने ‘बाला’ में भी मां का रोल प्ले किया था। आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘बाला’ में दीपिका चिखलिया ने फिल्म के मुख्य किरदार की मां की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में उनके किरदार को भी काफी सराहा गया था। फिल्म ‘बाला’ के बाद उन्हें ऐसे ही कई किरदारों के ऑफर मिलते रहे। दीपिका को अभी भी ढेर सारे ऑफर्स मिलते हैं और वो कहानियां भी सुनती आ रही हैं. लेकिन ‘अमर उजाला’ से बात करते हुए वह कहती हैं, ‘मुझे पैसे कमाने के लिए फिल्में नहीं करनी चाहिए। मेरा पूरा और सुखी संसार ईश्वर की कृपा से भरा हुआ है। अभिनय मेरा शौक था और रहेगा।

पहले निभाए गए मुस्लिम किरदार ऐसा नहीं है कि फिल्म ‘गालिब’ में दीपिका चिखलिया पहली बार किसी मुस्लिम महिला का किरदार निभा रही हैं। इससे पहले उन्होंने निर्माता, निर्देशक और अभिनेता संजय खान के सीरियल ‘द स्वॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान’ में एक मुस्लिम महिला का किरदार निभाया था। इस सीरियल में वह टीपू सुल्तान की मां फातिमा फखरुन्निसन के किरदार में नजर आई थीं। तब दीपिका की उम्र सीरियल में उनके बेटे संजय खान से 24 साल कम थी।अफजल गुरु वही आतंकी है जिसे संसद पर हमले का मुख्य दोषी पाया गया था। और, उन्हें मौत की सजा भी दी गई थी।

गालिब’ की कहानी क्या है? फिल्म ‘गालिब’ एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसके पिता को आतंकवादी होने के कारण फांसी दी जाती है। इसके बाद इस बच्चे को एक कठिन परिस्थिति से होकर गुजरना पड़ता है। जब अफजल गुरु का बेटा ग़ालिब कश्मीर में 10वीं कक्षा में अच्छे अंकों से पास होता है और हर जगह उसकी प्रशंसा होती है। यह ग़ालिब का नया जन्म भी है।