मैं समय हूँ… मिलिए BR चोपड़ा की महाभारत मे आवाज़ देने वाले इस कलाकार से

डेस्क : रामायण के बाद जब ‘महाभारत’ की शुरुआत हुई तो शायद किसी को अंदाजा भी नहीं होगा कि यह सीरियल आने वाले दिनों में इतिहास रचने वाला है। इसके किरदार निभाने वाले भारत के हर घर का हिस्सा बन गए। सीरियल का निर्देशन रवि चोपड़ा ने किया था और संवाद राही मासूम रजा ने लिखे थे। 1988 से 1990 के बीच दिखाए गए महाभारत के प्रसारण के दौरान सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता था।

हर रविवार को प्रसारित होने वाले इस सीरियल में दिखाई जाने वाली घटनाएं लोगों के बीच चर्चा का विषय बनने लगीं.इस शो में नीतीश भारद्वाज, मुकेश खन्ना, रूपा गांगुली, गजेंद्र चौहान और पुनीत इस्सर जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे। लेकिन इनके अलावा इस सीरियल में एक आवाज ने सबका ध्यान खींचा वो आवाज़ था’ मैं समय हूँ’… आप शायद ही उस आवाज के बारे में जानते होंगे जिसने कुंती के पुत्र अर्जुन के सवालों में समय का पहिया ले लिया था.. आज की कहानी उसी व्यक्ति पर है, जिसने समय के महत्व को बताया था।BR चोपड़ा की ‘महाभारत’ में समय को अपनी आवाज देने वाले कलाकार का नाम Harish Bhimani है।

इस कलाकार जन्म 15 फरवरी 1956 को मुंबई में हुआ था। वह एक पेशेवर voice over artist हैं। उनकी आवाज सभी टीवी सीरियल और फिल्मों में काफी लोकप्रिय हो चुकी है। हरीश ने धारावाहिक महाभारत में सूत्रधार समय को अपनी आवाज दी थी और देश में सबसे ज्यादा पहचानी जाने वाली आवाज बन गए। हरीश भीमानी लगभग चार दशकों से देशवासियों को अपनी ही भाषा में अलग-अलग बातें समझा रहे हैं।Voice over artist होने के अलावा, वह एक लेखक, documentary और corporate फिल्म निर्माता और एंकर भी हैं। आपको जानकर हैरानी नहीं होगी कि उनकी आवाज को देश की बेहतरीन background आवाजों में से एक माना जाता है।

आपको बता दे, गूफी पेंटल की वजह से हरीश को महाभारत में आवाज देने का मौका मिला। गूफी पेंटल ने महाभारत में शकुनि मामा की भूमिका निभाई थी। एक बार उसने हरीश को बुलाकर एक कागज में लिखी हुई बात पढ़ने को कहा तो पहले तो उनकी आवाज ठीक नहीं आई, लेकिन तीन-चार take लेने के बाद जब आवाज कुछ गंभीरता के साथ record की गई तो वह पास हो गया और इस तरह हरीश भिमानी ‘समय’ की आवाज बन गए।भीमनी 21 देशों में 140 से ज्यादा event कर चुके हैं। 2016 में, हरीश को मराठी डॉक्यूमेंट्री-फीचर ‘माला लाज वाट नहीं’ में सर्वश्रेष्ठ वॉयस ओवर के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसका हिंदी में अर्थ है ‘मैं शर्मिंदा नहीं हूं’। हरीश भिमानी ने अकेले अपनी आवाज के दम पर जो stardom हासिल किया है, उसे हासिल करना किसी के लिए आसान नहीं है।