इस एक गलती के वजह से फ़िल्मों के बादशाह Govinda के कैरियर पर लग गया ताला

डेस्क : बॉलीवुड के नंबर वन हीरो गोविंदा (Govinda) ना अपने एक्टिंग से, बल्कि डांस से भी लोगों का खूब दिल जीता। गोविंदा के तरह शायद ही कोई और अभिनेता होगा जो हर तरह के किरदार चाहे कॉमेडी हो, सीरियस हो या फिर रोमांटिक हर रोल को बखूबी प्ले करता हो। वो भी अलग – अलग अंदाज़ और हाव – भाव के साथ। 80 और 90 के दशक में गोविंदा ने बॉलिवुड को कई सारी हिट फिल्में दी। उन्होंने कुल 165 फ़िल्मों में काम किया।

एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने कहा था कि, एक समय ऐसा था कि जब मैंने एक ही साथ 70 फिल्में साइन की थी। उनमें 8-10 फिल्में बंद हो गई और फिर डेट्स की कमी के चलते 4-5 फिल्में छोड़नी पड़ी। गोविंदा के बारे में बेहद कम लोगों को पता होगा कि वो एक अच्छे डांसर और एक्टर ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन सिंगर भी है। कई बार उन्होंने अपनी इस कला का भी प्रदर्शन किया है। उन्होंने आंखे, शोला और शबनम, हसीना मान जायेगी आदि जैसी फ़िल्मों में अपनी आवाज़ का जादू भी बिखेरा है।

साल 2013 में गोविंदा का म्यूजिक एल्बम ‘गोरी तेरे नैना’, रिलीज़ हुआ था। जिसके सभी गाने दर्शकों को ख़ूब पसंद आए था। बता दें, कि साल 1994 में करिश्मा कपूर के साथ उनकी फ़िल्म खुद्दार आई थी और इस जोड़ी को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। इस फिल्म की शूटिंग के समय गोविंदा का कार एक्सीडेंट हो गया था और उन्हें गंभीर चोट आई थी। जब इस बारे में फिल्म के क्रू को पता चला तो उन्होंने शूटिंग कैंसिल कर दी। लेकिन डाक्टर से दिखाने के बाद गोविंदा आधी रात को सेट पर पहुंच गए और अपने सीन को पूरा भी किया। उनकी इस बात की मिसाल आज तक दी जाती है।

गोविंदा ने सुनीता से साल 1987 में गुपचुप तरीके से शादी कर ली। तब उनका करियर अपने ऊंचाई की बुलंदियों को छू रहा था। हालांकि, गोविंदा को इस बात की चिंता सता रही थी कि अगर यह बात सबके सामने आई तो फिर में मिलने बंद हो जाएंगी और इसलिए कई साल तक उन्होंने अपनी शादी की बात को सबसे छुपा कर रखा। बाद में मां के कहने पर पूरी रीति-रिवाज से गोविंदा ने शादी की।

एक्टर में फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी अपने कदम आजमाए। उन्होंने साल 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ा। जहां बीजेपी के एक बड़े नेता को हराया। हालांकि, राजनिति में जीत दर्ज़ करने के बाद भी वह सक्रिय नहीं रह पाए। फिर उन्होंने राजनिति से खुद को दूर कर लिया। उन्हें आज तक इस बात का दुःख है कि यदि वे राजनिति में नहीं जाते तो उनका धमाका आज भी बड़े पर्दे पर बरक़रार रहता।