आज कहां हैं ‘करण अर्जुन’ की माँ ? खेती करके पाल रही हैं पेट – Rakhee Gulzar जी रही है गुमनामी की जिंदगी

डेस्क : राखी गुलजार(Rakhee Gulzar) का जन्म उस दिन हुआ जिस दिन भारत आजाद हुआ था, बता दें की उन्होंने बंगाल में जन्म लिया था। वह बचपन से ही काफी होनहार छात्रा थी। वह बड़ी होकर साइंटिस्ट बनना चाहती थी लेकिन घर की आर्थिक स्थिति के कारण वह अच्छे से पढ़ लिख नहीं पाई और जल्द ही उन्होंने बंगाली फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।

लोगों का मानना था कि राखी को इतना काम मिलने के बाद भी उनके अंदर जरा भी घमंड नहीं आया था। एक समय पर वह बेहद ही सर्वश्रेष्ठ अदाकारा मानी जाती थी। कई लोग बताते हैं कि उनके पास इतना काम होता था कि नखरे करने का समय ही नहीं रहता था। वह हमेशा ही कवियों, पत्रकारों और अनेकों बड़े विद्वानों से घिरी रहती थी। कभी भी उनको शॉपिंग करते और एक दूसरे से बातचीत करता हुआ नहीं देखा गया था। बता दें कि जब फिल्म करण-अर्जुन आई तो राखी के माँ वाले किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया गया था।

राखी को शुरू से ही अपनी आजादी पसंद थी। वह किसी के भी साथ इसलिए नहीं जुड़ती थी कि कोई दूसरा उनकी जिंदगी में दखलअंदाजी करे, इसी चक्कर में उनकी पहली शादी अजय बिस्वास नाम के पत्रकार से हुई थी, वह शादी जल्द ही टूट गई थी। हालांकि वह कभी भी अपने गुस्सैल रवैया को सेट पर नहीं दिखाती थी। वह अन्य लोगों के साथ चाय पीती समोसे खाते और खूब मस्ती मजाक करती नजर आती थी। एक समय पर उन्हें गुलजार से इश्क हो गया था। गुलजार और राखी की एक बेटी भी है। बेटी की परवरिश करने के लिए उन्होंने फिल्मों से नाता छोड़ दिया था लेकिन जब यश चोपड़ा की फिल्म “कभी-कभी” आई तो उनके अंदर का कलाकार जाग उठा और वह चुप चुप कर शूटिंग के लिए जाने लगी।

लोगों का मानना है कि राखी जब भी कोई काम करती है तो बेहद ही मन लगाकर करती है। ऐसे में जब तक उन्होंने फिल्मों में काम किया उन्होंने दिल लगाकर मेहनत की। जब उनका फिल्मों से दिल उठ गया तो वह अपने पनवेल फॉर्म हाउस में जाकर खेती-बाड़ी करने लगी। यहां पर वह अपने कुत्ते, घोड़े, गाय एवं अन्य जानवर के साथ रहती हैं। साथ ही साथ वह अनेकों प्रकार की सब्जियां उगाती नजर आती है। सब्जियां उगाकर वह अपने पास के गरीब परिवारों में बाँट देती हैं। राखी का कहना है कि वह जिंदगी में कभी कंप्रोमाइज नहीं करना चाहती हैं।

राखी सावंत ने “मुकद्दर का सिकंदर” जुर्माना, कसमे वादे, कभी-कभी, आदमी एवं काला पत्थर नाम की फिल्म की है। मात्र 47 साल की उम्र में राखी ने इतना काम कर दिया था कि उन्हें किसी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं थी। राखी ने फैसला किया था कि वह अब मुंबई से दूर चली जाएंगी। इसके पीछे वजह यह थी की वह मुंबई के शोर-शराबे को बिल्कुल पसंद नहीं करती थी। बता दें की सबसे आखिरी फिल्म राखी की 2009 में रिलीज हुई थी, जिसका नाम क्लासमेट था। साल 2009 के बाद से आज तक वह पर्दे पर नजर नहीं आई।