न्यूज डेस्क (शिक्षा मिश्रा): कहते है दुनिया की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाती है, पर एक कामयाबी ही है जो ठोकर लगने से मिलती है। हरियाणा की देवयानी ने भी कुछ ऐसा ही किया है। देवयानी के लिए आईएएस (IAS) बनने का सफर इतना भी आसान नहीं था, लगातार तीन बार फेल होने के बाद उन्हें सफलता मिली। देवयानी ने साल 2015, 2016 और 2017 में यूपीएससी परीक्षा दी थी, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं। पर कड़ी महनत के बाद ऑल इंडिया में 11वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने में सफल रहीं। इससे पहले देवयानी ने पिछले साल अपने चौथे प्रयास में 222वीं रैंक हासिल की थी। पर हफ्ते में 2 दिन महनत कर कैसे हुई सफलता प्राप्त ? आइए जानते है देवीयनी की कहानी..
IAS बनने का सफर नहीं था आसान ….
देवयानी हरियाणा के हिसार से आती है, और वहा के संभागीय आयुक्त विनय सिंह की बेटी हैं। शुरू से ही पिता को एक सिविल सेवक के रूप में काम करते देख वह भी अपने पिता जैसा बनना चाहती थी। क्यूंकी वह पिता को प्रेरणा मानती हैं। ऐसा नहीं है की देवयानी ने पहले कभी आईएएस (IAS) बनने की न ठानी हो। देवयानी के IAS बनने का सफर साल 2015 से शुरू हुआ था , उसने 2015, 2016 व 2017 में UPSE की परीक्षा दी पर असफल रही। पहले और दूसरे प्रयास में देवयानी प्री एग्जाम भी नहीं पास कर पाई थीं, पर साल 2017 में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंची पर फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया। देखते ही देखते 3 साल गुजर गए इतने में कोई भी हार मान जाए। इतनी साहस और महनत करने की लग्न शायद ही किसी मे हो।देवयानी ने हार नहीं मानी और फिर 2019 में परीक्षा देने की ठानी और 2019 के एग्जाम में सफलता हासिल कर 222वीं रैंक पाने में वह सफल रहीं।
हफ्ते में सिर्फ दो दिन करती थीं पढ़ाई
क्या कोई हफ्ते में 2 दिन पढ़ कर आईएएस जेसी कठिन परीक्षा पास कर सकता है ? आप मानेंगे नहीं पर देवयानी ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया। देवयानी के अनुसार वह कभी भी ये नहीं देखा करती थी कि वह कितने घंटे पढ़ाई कर रही है । वह बिना किसी टेंशन के गंभीरता से पढ़ाई करती थी। सेंट्रल ऑडिट विभाग में चयन के बाद उन्हें पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता था, इसलिए वह वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को ही पढ़ाई करती थीं। पर फिर भी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से देवयानी ने ऑल इंडिया में 11वीं रैंक हासिल की आईएएस बनने में सफल रहीं. इससे पहले साल 2019 में देवयानी का चयन राजस्थान सिविल सेवा में भी हुआ था.