कभी बेचते थे पान, सीधे BPSC की परीक्षा क्रैक कर बना BDO, पिता ने कहा- हमें गर्व है

डेस्क: जिंदगी में चाहे कैसा भी परिस्थिति क्यों ना आ जाए, लेकिन, विद्यार्थियों को कभी पढ़ना नहीं छोड़ना चाहिए, यह बाते हाल ही में बीपीएससी परीक्षा में सफल हो कर BDO बने खगरिया के अरविंद कुमार ने कही, उन्होंने गरीबी परिस्थिति को झेल कर इस मुकाम को हासिल किया, और आज समाज में लोग उनकी तारीफ करने से पीछे नहीं हट रहे है।

अरविंद पान की दुकान चलाते थे: बताते चलें कि पान की दुकान लगाने वाले अरविंद कुमार अभी चर्चा में हैं। गरीब परिवार में रहकर भी पढ़ाई के प्रति उनकी कड़ी मेहनत के बारे में आज गांव-गांव में लोग बात कर रहे हैं। अरविंद कुमार अब प्रखंड ग्रामीण विकास पदाधिकारी (BDO) बन चुके हैं। शुक्रवार शाम जब अरविंद बीडीओ बन गांव लौटे तो उनके स्वागत में पूरा गांव एकजुट हो गया और बैंड बाजे के साथ उनका अभिनंदन किया। अरविंद गोगरी प्रखंड स्थित गौछारी गांव के रहने वाले हैं।

BPSC की परीक्षा में 278वीं रैंक लाया था: बता दे की अरविंद बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रतियोगिता परीक्षा में 278वीं रैंक लाकर प्रखंड ग्रामीण विकास पदाधिकारी (BDO) के पद पर चयनित हुए है। कल तक अपने पिता नेपाली चौरसिया के साथ मेले में पान की दुकान सजाने वाले अरविंद कुमार आज यहां के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। अरविंद ने जिस खेदन बद्री चौरसिया स्कूल में पढ़ाई की थी, वहां के हेडमास्टर और शिक्षकों ने भी सम्मान समारोह आयोजित कर अरविंद की सफलता पर बधाई देते हुए भव्य स्वागत किया।

पिता ने कहा- हमें गर्व है बेटा को मजदूरी करके BDO बनाया: बेटे अरविंद के अफसर बनने के बाद आयोजित सम्मान समारोह में उनके पिता ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को मजदूरी करके पढ़ाया। इसके अलावा इलाके में लगने वाले मेले में पान की दुकान सजाकर उन्होंने बेटे की पढ़ाई के लिए हर आवश्यक चीजों को उपलब्ध कराया। कभी कभार अरविंद भी उनके इस काम में हाथ बंटाया करते थे। उनकी मां मीरा देवी ने कहा कि अपने घर पर सिलाई मशीन से लोगों का कपड़ा सिलकर अपने पुत्र की पढ़ाई, क्योंकि अरविंद बचपन से ही बहुत मेघावी है।

सुमन सौरब

अपने आप को हारा हुआ इंसान.....लेकिन फिर भी जीतने की तमन्ना मे ????