मिलिए बिहार के UPSC टॉपर शुभम कुमार से, दो बार असफल रहे और तीसरे बार में टॉप किए, कैसा रहा सफर जानें- उनके बारे में.

न्यूज डेस्क : हर साल लाखों छात्र UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं, IAS बनने वाले अधिकतर छात्रों की कहानी प्रेरणादायक होती है, क्योंकि UPSC का सफर होता ही इतना कठिन है, लेकिन कुछ छात्रों की कहानी ऐसी होती हैं जो सिर्फ प्रेरणा नहीं बल्कि आपको कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी लड़ने की ताकत देती है। कुछ ऐसी ही कहानी है, 2020 के UPSC टॉपर शुभम कुमार की है, जो मूल रूप से बिहार के कटिहार जिला अंतर्गत कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने विषम परिस्थिति से लड़ते हुए इस मुकाम को हासिल किया, और आज लाखों युवाओं के आइडल बन चुके हैं।

शुभम बताते हैं कि यह परीक्षा पास करना मेरे लिए चैलेंजिंग की बात है, क्योंकि पिछले वर्ष 2019 में भी मैने यूपीएससी का एग्जाम दिया था, जिसमें मेरा 290 रैंक आया था, फिर मुझे लगा नहीं थोड़ा और मेहनत करेंगे। तो अच्छा रैंक जरूर मिलेगा। हालांकि, रैंक मिलने के बाद मुझे इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज सेवा के लिए चुना गया। जो कि फिलहाल पुणे में ट्रेनिंग चल रहा है। और अंत में तीसरे प्रयास में मैंने यूपीएससी परीक्षा टॉप कर लिया।

शुभम ने बताया 2018 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने 2018 में ही पहली बार यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में बैठा। परंतु सफल नहीं हो पाए। फिर 2019 में उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा दी जिसमें उन्हें 290 रैंक आया। जिसमे वे इंडियन डिफेंस अकाउंट्स सर्विस सेवा के लिए चुने गए, शुभम ने बताया कि यूपीएससी मेंस (UPSC MAINS) की परीक्षा में एंथ्रोपोलॉजी ऑप्शनल विषय था,

बता दे की शुभम का पूरा परिवार कटिहार में ही रहता है। उनके पिता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत है, शुभम ने बताया कि उन्हें इस बार भी विश्वास नहीं था कि परीक्षा में टॉप आ पाएंगे। बरन, आज उन्होंने इस परीक्षा को टॉप ही नहीं बल्कि पूरे बिहार का नाम देश में रोशन कर दिया है। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल पूर्णिया से हुई। दसवीं तक उन्होंने यहीं से पढ़ा। तथा 12वीं चिन्मया विद्यालय बोकारो से पास किया, फिर आईटी आईटी करने के बाद सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

शुभम ने बताया इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद परिवार वालों ने उन्हें नौकरी करने के लिए नहीं कहीं। बल्कि यूपीएससी की परीक्षा तैयारी करने को कहा, यही हुआ उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म होने के बाद अपना सारा ध्यान यूपीएससी की पढ़ाई की ओर केंद्रित किया। और आज 2020 के टॉपर बन चुके हैं। वो चाहते हैं और समाज के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करे। शुभम ने बताया कि वह चाहते हैं कि उन्हें बिहार कैडर मिले ताकि वह अपने राज्य में ही अपनी सेवाएं दे।