क्यों हमारी होठों का रंग होता है लाल? जानिए क्या है इसके पीछे की वजह…

व्यक्ति के शरीर के सभी अंगों की अलग अलग हो गया होती है। सबके बनावट और कुछ के रंग भी अलग होते हैं, लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि हमारे होठों का रंग लाल क्यों होता है? हम इसका हर दिन अलग-अलग कामों के लिए उपयोग करते हैं लेकिन क्या बाकी अंगों की तरह हम इसे भी संभालने की कोशिश करते हैं? क्यों हमारे होट इतने नाजुक होते हैं? क्यों यह फटने लगते हैं? क्यों यह सूखते हैं? इंसानों की बनावट में होठ बनाए गए। पशु – पक्षियों में क्यों नहीं?

इंग्लैंड के लबोरो यूनिवर्सिटी में ह्यूमन बायोलॉजी के प्रोफेसर नोएल कैमरॉन ने कहा कि व्यक्ति का होठो का सबसे बड़ा उपयोग है खाना, सांस लेना और बोलने में मदद करना। यह काफी संवेदनशील और नाजुक होते हैं। जमाई का हॉस्पिटल के अनुसार होठों में 10 लाख बारीक नलियों के अंत जुड़े होते हैं। ऐसे में छूने से यह सक्रिय हो जाते हैं। तापमान और ह्यूमिडिटी बदलने से यह सूखने लगते हैं। कैमररॉन कहते हैं कि उसकी त्वचा चेहरे के बाहरी स्किन और मुंह के अंदरूनी मेंब्रेन के बीच ब्रिज का काम करती है। दिमाग के सेंसरी कोरटेक्स का म्यूकस मेंब्रेन एक बड़ा हिस्सा होता है। यह काफ़ी संवेदनशील होते हैं। यही कारण है कि वह अपनी और आसपास के मांस पेशियों को अलग-अलग तरह से हिलाने में सक्षम होते हैं।

उन्होंने बताया कि फोटो को ऊपर ले जाने के लिए पांच मांस पेशियां काम करती है, वहीं नीचे ले जाने के लिए चार। इसके चलते ही हॉट का मूवमेंट बोलने में हो पाता है। जैसे कि P बोलने में दोनों होठों का इस्तेमाल होता है और F बोलने के लिए दांत और होठ का। बिना होठों के हिलाए आप के लिए बोलना नामुमकिन है। यदि आप बिना होठों को हिलाए बोल भी लेते हैं तो उसका उच्चारण गलत होगा। लेकिन सवाल यह है कि हमारे होठों का रंग लाल या लाल से मिलते जुलते हुए रंग का क्यों होता है?

होठों के त्वचा की कोशिका 3 से 5 पदों की बनी होती है। यह स्कीन से काफी संवेदनशील होती है। चेहरे की त्वचा पर कोशिकाओं कि 16 परत होती है। होठों की स्किन हल्के रंग की होती है इसमें मिलेनोसाइट्स, जिनमें मिलेन पिगमेंट होते इनकी संख्या कम होती। जो स्कीन को रंग प्रधान करते हैं। इसी कारण स्किन को हल्के लाल या गुलाबी रंग मिल पाता है।

त्वचा का गहरे रंग दिखना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है हालांकि होठ की त्वचा काफी हल्की होती है, इसलिए पिगमेंटेशन दिखता है। इसके लाल दिखने के पीछे एक वजह यह भी है कि होठों की त्वचा के पीछे खून की काफी नदियां होती है जिसके चलते यह लाल दिखती है। होठों की त्वचा बिना बाल के, पसीने मुक्त ग्रंथियों को होती है। इसलिए ज्यादा संवेदनशील, सूखने और फटने वाली होती है। शरीर के बाकी त्वचा की तरह इनके ऊपर तेल या पसीने की ग्रंथियां नहीं होती जो स्किन पर चिकनाई बनाए रखें। पैथोजोंस को दूर रखती है और तापमान का संतुलन बनाए रखनते हैं। यह कारण है कि होठ जल्दी सूख जाते हैं और फटने लगते हैं।

होठ के अलावा हथेली और पंजों के स्किन पर भी बाल नहीं होते हैं क्योंकि उनके बिना यह सही तरीके से काम करने में सक्षम होते हैं। होठ शरीर पर उत्तेजना वाले अंगों में आते हैं और इसका खाने, पीने, बोलने और सांस लेने के अलावा चुमने में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसके चलते लोग एक दूसरे से आकर्षित भी होते हैं।