डेस्क : गर्मी आते ही लोगों को आम का बेसब्री से इंतज़ार होता है। गर्मी के मौसम में हर तरफ़ बाजार में तरबूज़ और आम ही देखने को मिलता है। ऐसे तो गर्मी में खरबूजा, लीची, तरकुआ आदि भी मिलता है लेकिन लोग आम को ज्यादा पसंद करते हैं। आपके घर में भी आम बगीचे या बाजार से आता होगा और आम को खाने के पहले उसे पानी में रखने की साला दी जाती है।
लगभग आधे घंटे तक पानी में रखने के बाद ही उसे खाने को कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है इसके पीछे का क्या कारण है? आज हम बताने जा रहे हैं इसके पीछे का साइंस – हमारे घरों में जब आम आता है तो हमारे बड़े बुजुर्ग उसे पानी में रखकर भी करने की सलाह देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आम की तासीर गर्म होती है और इसका असर कम करने के लिए ही आम को खाने के पहले कम से कम आधे घंटे तक पानी में भी रोने की सलाह दी जाती है। हालांकि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है जो थर्मोजेनिक गुणों से जुड़ा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक सभी फल और सब्जियों में कुछ थर्मोजेनिक गुण पाए जाते हैं। यह मानव के शरीर के कामकाज को प्रभावित करते हैं। आम को पानी में भिगोने पर उसके हिट प्रिंसिपल काफी कम हो जाते हैं। इसके अलावा स्किन प्रोब्लम, कब्ज, दस्त और सिर दर्द की संभावना भी काफ़ी हद तक कम हो जाती है। आम को पानी में भिगोकर रखने से इसके फैटिक एसिड भी कम हो जाते हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो शरीर में काफी गर्मी हो जाती है और बीमार भी होने का खतरा रहता है।
साथ ही जब हम आम को भिगो कर छोड़ देते हैं तो इसके परत पर जमी गंदगी, पेस्टिसाइड्स और इंसेंटिसाइड्स जैसे केमिकल्स हट जाते हैं। जिससे संभावित कैंसर कोशिका की वृद्धि नहीं होती है।आपको बता दें कि आम की भरत की गर्मी से शरीर में कई तरह के नुकसान हो सकते हैं जैसे कि चेहरों पर मुहासे, किल, कब्ज सिर दर्द और दस्त से जुड़ी समस्या हो सकती है। यही कारण है कि आम को खाने के पहले कम से कम उसे आधे घंटे तक पानी में भिगोकर रखने के लिए कहा जाता है।