डेस्क : जब आप रेल में सफर करते होंगे तो कई ऐसे स्टेशन आते होंगे, जिनमें उनके नाम के साथ-साथ जंक्शन या फिर टर्मिनल लिखा होता है लेकिन वहीं कुछ स्टेशन ऐसे भी होते हैं जिनके नाम के साथ सेंट्रल लिखा हुआ होता है। जैसे कि लखनऊ सेंट्रल, कानपुर सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल और मुंबई सेंट्रल(Central)। ऐसे में आज हम आपको सेंट्रल का मतलब समझाने वाले हैं।
यदि आप किसी भी रेलवे स्टेशन के नाम में सेंट्रल लगा हुआ देखे तो यह समझ जाएं कि यहां पर ट्रेन की सबसे ज्यादा आवाजाही होती है। ऐसे में यहां पर सबसे ज्यादा लोग सफर करते हैं और यह पूरे शहर का मुख्य स्टेशन है। साथ ही साथ यह यह स्टेशन बेहद ही जरूरी है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि हर शहर में सेंट्रल स्टेशन मौजूद होगा। हालांकि सबसे पहले जो व्यस्त स्टेशन हुआ करते थे उनके नाम में सेंट्रल लगाना अनिवार्य था लेकिन आज के समय पर आपको ऐसा नहीं दिखेगा।
उदाहरण के लिए दिल्ली को ही ले लीजिए, नई दिल्ली स्टेशन भारत के सबसे व्यस्त स्टेशन में से एक है लेकिन वहां पर सेंट्रल नहीं लगाया गया है। इस वजह से शहर का कोई भी मुख्य स्टेशन हो वह जरूरी नहीं होता की उसमें सेंट्रल लगा हो।
यदि आप कहीं पर भी टर्मिनस या फिर टर्मिनल देखें तो इनमें कोई भेद नहीं है। दोनों का मतलब एक ही होता है। यदि किसी भी रेलवे स्टेशन पर आपको टर्मिनल लिखा हुआ दिखे तो इसका सीधा अर्थ होता है कि अब इससे आगे रेल गाड़ी नहीं जाएगी। दरअसल जहां पर ट्रेन रूकती है, वहीं से वापस जाने के लिए अब दुबारा उस ट्रेन को चालू किया जाता है। ऐसे स्टेशन को टर्मिनल स्टेशन कहा जाता है इसका उदाहरण हम दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से ले सकते हैं, जहां पर सभी गाड़ियां आकर रुक जाती है और फिर वापस वहीं से जाती हैं।