जिस पृथ्वी पर हम रहते हैं उसके बारे में हम बहुत कुछ जानते हैं। इसकी भव्यता और शानदार हरी-भरी घाटियों के अलावा यहां कई ऐसी चीजें मौजूद हैं, जिनके रहस्य हम आमतौर पर नहीं जानते। कुछ ऐसी घटनाएँ होती हैं। जिनके पीछे का मकसद तकनीक के माध्यम से पहचाना जा सकता है। लेकिन हमारे लिए वे चमत्कार की तरह होते हैं। उदाहरण के लिए, पृथ्वी गोलाकार है और यह लगातार घूमती रहती है लेकिन हम इसे कभी महसूस क्यों नहीं कर पाते? हम तो लगातार अपनी जगह पर जमे रहते हैं, गिरते क्यों नहीं?
इस सवाल के बारे में आपको कभी न कभी जरूर पता लगाने का प्रयास किया होगा, और आपने टेक्नोलॉजी की किताबों में इसका जवाब भी ढूंढ लिया होगा। हालांकि, हर वक्त इस बारे में शायद ही किसी को याद रहता होगा. यही कारण है कि समाधान के बारे में सोचने के लिए आपको अपना सिर खुजलाना होगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या कारण है कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती रहती है, जबकि हम अपनी जगह पर स्थिर रहते हैं और गिरते नहीं हैं।
धरती घूमती है, पर हम क्यों नहीं?
इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आपको भौतिकी के बारे में थोड़ा समझना होगा। जब लोगों ने यह सवाल वेब प्लेटफॉर्म Quora पर पूछा तो कई लोगों ने इसका जवाब दिया। हम सभी को बचपन में सिखाया गया संतुलन का नियम यहां भी लागू होता है।
दरअसल, हमारी पृथ्वी 24 घंटे अपनी धुरी पर घूमती है। पृथ्वी की गति 1600 किलोमीटर प्रति घंटा है। दिन और रात का समय एक ही क्धूरी पर घूमते रहता हैं परन्तु यह हमे महसूस नहीं हो पाते हैं क्योंकि हम भी पृथ्वी के साथ समान वेग से घूम रहे होते हैं। हमारे आसपास का वातावरण और संपूर्ण वस्तु घूमती है और हमारा शरीर इस वेग से परिचित हो जाएगा।
इस प्रकार समझेंगे हम वेग को
चूँकि पृथ्वी की गति स्थिर है, अर्थात वह समान वेग से घूमती है, परिणामस्वरूप हम इसे महसूस करने में सक्षम नहीं हैं। यदि यह अपनी गति को कहीं बढ़ा या घटा दे या पृथ्वी कहीं रुक जाए तो हमें तीव्र आश्चर्य हो सकता है और हम समझ सकते हैं कि हम यात्रा पर हैं। इसी तरह, हम प्रति घंटे 800 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ान भर रहे हैं और हमें इसका पता नहीं चलता, लेकिन जब यह नीचे होगी। तो हमे बड़ी झटका महसूस होगा।