कोतवाली, थाना और चौकी में क्या फर्क होता है ? आज जान लीजिए

डेस्क : आज हम आपको भारत के एक ऐसे विषय के बारे में बताने वाले हैं जिस पर हर व्यक्ति के मन में कन्फ्यूजन बना रहता है। हर इंसान इस असमंजस में दीखता है की आखिर थाना कोतवाली और चौकी का मतलब क्या होता है। आज हम आपको इन तीनों में अंतर स्पष्ट करेंगे।

अक्सर ही आप जब शहर या गांव के इलाकों से निकलते होंगे तो वहां पर मौजूद कई बार पुलिस चौकी से आमना-सामना हुआ होगा। इतना ही नहीं बीच में पुलिस स्टेशन यानी कि थाना भी पड़ा होगा। साथ ही साथ कहीं पर आपको कोतवाली लिखा हुआ भी नजर आया होगा। आज के इस लेख में आपको अच्छी तरीके से यह समझ आ जाएगा कि इन तीनों में फर्क क्या है?

जिस प्रकार से किसी बड़ी कंपनी की जगह जगह ब्रांच होती हैं। उसी प्रकार से एक पुलिस स्टेशन यानी पुलिस थाने के अंतर्गत पुलिस चौकियां होती है। इन चौकियों में सब इंस्पेक्टर अध्यक्षता करते हैं, पुलिस चौकी थाने के अधीनस्थ कार्यालय की तरह होती है।

पुलिस की चौकी पर कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं एसएचओ द्वारा निर्देश का पालन करने के लिए एक छोटा कार्यकारी कार्यालय होता है। इसको पुलिस चौकी कहते हैं। वहीं दूसरी तरफ थाने में शिकायत दर्ज करना, FIR करवाना जैसी चीजें शामिल होती हैं। थाने को इंस्पेक्टर यानी SHO द्वारा नेतृत्व किया जाता है। यदि बात की जाए कोतवाली की तो -कोतवाली का सीधा अर्थ है कि यह किसी गांव या दूर के इलाके में लंबे समय से मौजूद पुराना थाना है जिसे कोतवाली कहा जाता है। हम यह भी कह सकते हैं कि शहर का सबसे पुराना थाना कोतवाली कहा जाता है।