एक किलो शहद बनाने के लिए मधुमक्खी का उड़ना है पृथ्वी के तीन चक्कर लगाने के बराबर-जानिए पूरी कहानी

डेस्क : शहद हर किसी को पसंद होता है। यह स्वाद में भी काफी टेस्टी होता है और शरीर के लिए भी फायदेमंद। लेकिन क्या आपको पता है कि शहर बनाने के लिए मधुमक्खियों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। मधुमक्खियों का पूरा जीवन इसी मेहनत के पीछे गुजर जाता है। एक चम्मच शहद के लिए मधुमक्खियों को कई हजार किलोमीटर और ना पड़ता है।

एक मधुमक्खी अपने पूरे जीवन में एक चम्मच शहद भी नहीं बना पाती है। सिर्फ मादा मधुमक्खी ही शहद का निर्माण कर पाती है। जो नर मधुमक्खी होते हैं। वह कुछ नहीं करते सारा काम माता मधुमक्खियों को ही करना पड़ता है। काफ़ी संख्या में मादा मधुमक्खियों के बीच एक दो नर मधुमक्खी ही होते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने पूरे जीवन काल में एक मधुमक्खी एक चम्मच शहद भी नहीं बना पाती है। एक चम्मच शहद का 12 वां हिस्सा बनाने में एक मधुमक्खी का पूरा जीवन काल बीत जाता है।

यानी कि 12 मधुमक्खियों के जीवन भर की मेहनत होती है एक चम्मच शहद। इतने शहद बनाने के लिए मधुमक्खी को काफी मेहनत करनी पड़ती है। आपको बता दें कि मधुमक्खी का जीवन 45 दिनों का होता है। वहीं 1 किलो शहर बनाने के लिए मधुमक्खी के पूरे छत्ते को करीब 40 लाख फूलों का रस चूसना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें 90000 मील उड़ना पड़ता है। इसे अगर उदाहरण के तौर पर समझे तो यह पृथ्वी के तीन चक्कर लगाने के बराबर है।