इस मुघल बादशाह ने अपने बेटे की शादी में खर्च कर दिए थे करोड़ो रुपए, में नक्श वाली लाया था दुल्हनिया

डेस्क : अपने बेटों में से सबसे ज्यादा स्नेह मुगल साम्राज्य के बादशाह शाहजहां को दारा शिकोह से था. वो उन्हें इतना प्यारा था कि वे उसे सैन्य अभियानों में भेजना तक पसंद नहीं करते थे. हमेशा अपने दरबार में बिठाते थे और अपनी आंखों के सामने ही रखते थे. वहीं वे अपने दूसरे बेटे औरंगजेब को दक्षिण, मुराद बख्श को गुजरात और शाहशुजा को बंगाल रवाना किया जाता था.

शाहजहां के इस पुत्र प्रेम का असर दारा शिकोह पर कुछ ऐसा पड़ा कि न तो वो जंग में महारथ हासिल कर पाया और न ही सियासत पर अपनी पकड़ बना पाया. बावजूद इसके शाहजहां ने शिकोह को उत्तराधिकारी बनाने का मन बना लिया था.

शिकोह से शाहजहां को किस हद तक प्यार था इसका दूसरा उदाहण है उसकी शादी जो कि मुगल इतिहास की सबसे महंगी शादी रही है. फरवरी, 1633 में आगरा में नादिरा बानो और दारा शिकोह की भव्य शादी हुई. अपने आप में इस शादी की भव्यता एक उदाहरण थी. उस दौर में 32 लाख रुपये का खर्च शादी पर आया था. शिकोह की बहन जहांआरा बेगम ने शादी की आधी रकम यानी कि 16 लाख रुपये अपने पास से दिए थे.

अपने पिता के प्रिय होने के साथ शिकोह बहन जहांआरा के भी पसंदीदा था. जहांआरा ही मां मुमताज महल के गुजरने के साथ उसे मां की तरह प्यार करती थीं. यह ऐसा पहला मौका था जब शाहजहां पत्नी की मौत के बाद किसी समारोह में हिस्सा ले रहे थे.इस शादी को भव्य बनाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी गई थी. पटाखे रातभर छोड़े गए और 8 दिन तक दावतों का सिलसिला चला. शिकोह की बेगम नादिरा ने शादी के दिन जो लहंगा पहना उस दौर में उसकी कीमत 8 लाख रुपये थी.

अपने दौर में मुमताज को सुंदरता का पर्याय समझा जाता था, लेकिन सुंदरता के मामले में शिकोह की बेगम नादिरा भी मुमताज से कम नहीं थीं. उतनी ही सुंदर, उतनी ही साहसी और उतनी ही वफादार भी. शिकोह और नादिरा के बीच इतना गहरा प्रेम रहा था कि उसने भी अपने पिता की तरह कभी दूसरी शादी नहीं की. शिकोह के तीन बच्चे हुए- बेटा सुलेमान शिकोह, सिपिहर शिकोह और बेटी जहांजेब बाना.