गिरगिट की तरह रंग बदलती है ये मछली? काटते ही इंसान को मार जाता है लकवा…

Colour Changing Fish : गिरगिट को उसके रंग बदलने को लेकर लोग जानते हैं शायद आप में से बहुत सारे लोग रंग बदलते हुए देखा भी होगा, लेकिन क्या आपने कभी देखा या सुना की मछलियां भी रंग बदलती है. अगर नहीं तो आज हम एक ऐसी मछली के बारे में बताने जा रहे हैं जो समुद्र में रहते हुए गिरगिट की तरह अपना रंग बदलती रहती है. तो चलिए उस मछली के बारे में जानते है.

हजारों प्रजातियों में सबसे जहरीली मछली

हर कोई इस बात को जानता है कि दुनिया भर में मछलियों की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें कुछ इंसानों को खाती है तो कुछ को इंसान ही खा जाते हैं. हालांकि कुछ ऐसी मछलियां है जो अपने खतरनाक अंदाज के लिए जानी जाती है,

जिन से उलझना मतलब मौत को गले लगाने के बराबर है. एक ऐसी ही मछली स्कॉर्पियन फीस है. जो दिखने में छोटी है लेकिन उतनी ही जहरीली होती है इसका जहर इतना खतरनाक होता है कि शिकार करने से पहले ही शिकार को लकवा मार देता है. अगर जहर अधिक मात्रा में शरीर में चला गया तो मौके पर मौत भी हो सकती है.

क्यों है जहरीली और कहा पाई जाती है ?

  • स्कॉर्पियो को स्कॉर्पिनोस्पिसिस नेगलेक्टा वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है. या मछली गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर है, इसीलिए यह अपनी खासियत को लेकर जानी जाती है. वैज्ञानिकों की मानें तो यह स्वीकार करें के लिए और शिकारियों से बचने के लिए अपना रंग बदलती रहती है.
  • जानकारों का मानना है कि इस मछली की रीड की हड्डी में जहर पाया जाता है. इसीलिए इस को पकड़ते समय बेहद सावधानी बरती जाती है. कहते हैं ना सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी इस मछली को पकड़ते समय ऐसा ही कुछ हो सकता है अगर आप सावधानी नहीं बरतते हैं तो पलभर का समय लगता है या अपना जहर उगल देती है. इस मछली में न्यूरोटोक्सीन नामक जहर पाया जाता है जो शिकार को लकवे का शिकार बना देता है और उसकी आखिरी में मौत हो जाती है.
  • भारत में इस मछली को 2020 में मन्नार की खाड़ी में सेंट्रल मरीन फिशरीज इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने खोजा गया था. जैसे उसे आग लगी कि कोई उसका शिकार करने के लिए आ रहा है वह अपना रंग बदल कर झाड़ियों के बीच छिप गई थी. लेकिन थोड़ा समय बाद हुआ घर से निकलते समय अपना रंग बदल कर निकली जिसके बाद वैज्ञानिकों ने इसकी जांच कर ली.
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जहरीली मछली समुंद्र के सतह में पाई जाती है और यह रात के समय में अपना शिकार करने के लिए निकलती है. जो समय-समय पर अपना रंग बदलकर शिकार पर झपट मार देती है, और पलभर में उसे खा जाती है.