बेहद रहस्यमय होती है ‘महिला नागा साधुओं’ की दुनिया, सिर्फ इस समय देती हैं दर्शन..

डेस्क : देश में साधु संत को लेकर लोग काफी कुछ सोचते हैं। लोग उनके रहन-सहन से लेकर पद तक पर पैनी नजर रखने की कोशिश करते हैं। इसी कड़ी में आपने नागा साधुओं को कई बार देखा और उनके बारे में काफी कुछ सुना होगा। लेकिन क्या कभी महिला साधुओं का जिक्र सुना है। जी हां पुरुष नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधु भी होती है। इनकी कहानी पुरुष नागा साधुओं से इतर है तो आइए महिला नागा साधु से जुड़े रहस्य को विस्तार से जानते हैं।

ऐसे बनती है महीना नागा साधु

महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को घोर तपस्या करनी पड़ती है। उन्हें कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। महिला नागा साधुओं की परीक्षा कई वर्षों तक चलती है, वे ब्रह्मचर्य के कठोर नियमों का पालन करती हैं। फिर जीवित रहते हुए वह पिंडदान करती हैं, सिर मुंडवाती हैं। इसके बाद वे पवित्र नदी में स्नान करती हैं। इसके बाद महिला नागा साधु कहलाती हैं।

इन मौकों पर दिखती हैं महिला नागा साधु

महिला नागा साधु बहुत कम मौकों पर ही नजर आती हैं। वह आम जीवन से दूर घने जंगलों, पहाड़ों, गुफाओं में रहती हैं और पूरा समय भगवान की भक्ति में लगाती हैं। जंगल-पहाड़ों से निकलकर ये दुनिया के सामने कम ही आते हैं। महिला नागा साधु कुंभ या महाकुंभ के अवसर पर बाहर आती हैं।

महिला नागा साधु की वेशभूषा

नागा साधुओं को सार्वजनिक रूप से भी नग्न देखा जाता है। हालांकि महिला नागा साधुओं को नागा साधु का नाम जरूर दिया जाता है, लेकिन वे नग्न नहीं रहतीं। अधिकांश महिलाओं को नागा साधुओं के रूप में तैयार किया जाता है और केवल गिरवी रंग के बिना सिले कपड़े पहनती हैं। यह केसरिया रंग के कपड़े का एक टुकड़ा है, जिसे वह अपने शरीर के कुछ हिस्सों पर लपेटती हैं। इसके साथ ही महिला नागा साधु अपने माथे पर तिलक लगाती हैं और शरीर के कई हिस्सों पर भस्म भी लगाती हैं। हिंदू धर्म में महिला नागा साधुओं को काफी सम्मान दिया जाता है और उन्हें माता कहा जाता है।