Husband Legal Rights : किसी लड़के और लड़की की आपस में शादी होती है तो यह उनके लिए और उनके परिवार वालों के लिए बहुत ही खुशी का पल होता है। इनमें से कुछ कपल तो ऐसे होते हैं जो अपने शादीशुदा जीवन को खुशी-खुशी बिताते हैं.
लेकिन कोई पति पत्नी ऐसे होते हैं जिनमें आये दिन झगड़े होते रहते हैं। ऐसे में कई बार पत्नी अपने पति पर हिंसा का या मारपीट करने पर कानून का सहारा लेती है। आपको बता दें कि महिलाओं को कानून के अनुसार ऐसे कई अधिकार दिए गए है जिनसे वह कोर्ट में जाकर न्याय प्राप्त कर सकती है।
लेकिन कई बार पति की गलती नहीं होती है और वे भी घरेलू हिंसा का शिकार होते है तो वे क्या करे? क्या उनके पास भी कोई ऐसा कानूनी अधिकार है? जी हाँ, पतियों के पास में ऐसे कई कानूनी अधिकार होते हैं। आइये आपको बताते हैं की पतियों के पास कौन-कौन से कानूनी अधिकार होते हैं जिनका सहारा वे ले सकते हैं?
आपने कई बार देखा होगा कि पति-पत्नी के बीच जब लड़ाई होती है तो पत्नी कानून का सहारा लेकर पति के ऊपर केस कर देती है। इसमें दहेज, घरेलू हिंसा, मारपीट जैसे कई कारण हो सकते हैं।
लेकिन आपको बता दे कि महिलाओं की तरह ही शादीशुदा पुरुषों के पास भी ऐसे ही कानूनी अधिकार होते हैं जिनका फायदा भी ले सकते हैं। इस मामले में पति अपनी पत्नी के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कर सकता है और सही पाए जाने पर उसे न्याय भी मिलता है।
ये है वो कानूनी अधिकार :
- मेंटल हैरेसमेंट की शिकायत
- पत्नी की तरफ से की गई हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत
- दहेज के झूठे केस की शिकायत
- पिटाई करने पर शिकायत
- किसी और के साथ अफेयर करने पर शिकायत
- गाली और धमकी देने पर शिकायत
- मायके में रहने पर शिकायत
ये भी जान लीजिए
अगर पति कानूनी तौर पर पत्नी के खिलाफ शिकायत करता है तो वह हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार पत्नी से मेंटेनेस भी मांग सकता है। लेकिन ये तभी सम्भव है जब पत्नी नौकरी करती हो। इसके अलावा पति भी पत्नी की तरह कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर कर सकता है। इसके अलावा खुद से बनाई गई प्रॉपर्टी पर भी पति का अधिकार होता है।