KCI Registration : कुत्तो के मालिक के लिए जाने कितना ज़रूरी KCI रजिस्ट्रेशन, क्या फ़ायदे हैं इस रेजिस्ट्रेशन के

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KCI Registration : छोटे जानवरों को घर में रखकर उन्हें प्रश्रय देना उनकी देखरेख करना आत्मीय दृष्टिकोण से काफी श्रेष्ठ है। लेकिन जब यह पालतू घातक प्रवृत्ति के बन जाते हैं तो किसी अन्य तो क्या अपने मालिक तक को भी नहीं पहचानते हैं। सबसे वफादार कहे जाने वाले कुत्ते की वफादारी पर प्रश्नचिन्ह तब लगा जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक पिटबुल डॉग ने अपनी मालकिन को नोच नोच कर मार डाला। 80 वर्षीय महिला की मौत के बाद जहां उसका मालिक जो कि मृतक का पुत्र है और सदमे में है। तो कुछ लोगों ने घटना के बाद से ही पिटबुल को बैन करने की मांग कर दीजिए क्योकि यह काफी खतरनाक प्रजाति का होता है।

नगर निगम से भी कुत्तो का रेजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है

कुत्ते का काट लेना काफी आम बात है कि क्योकि यह उसके स्वभाव का एक हिस्सा है। लेकिन कुत्ते ही सबसे फ्रेंडली माने जाते हैं। जिस वजह से इन्हें सबसे ज्यादा पालतू बनाया जाता है। हालांकि अगर पालतू कुत्ता किसी को भी काट ले तो मालिक को खामियाजा काफी भुगतना पड़ता है। उन्हें कई बार जुर्माना भी भरना पड़ता है। इस वजह से कुत्तों को वैक्सीनेशन के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन करवाना भी काफी जरूरी रहता है। व्यक्ति अपने इलाके के नगर निगम से भी कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इसके अलावा केसीआई के अंतर्गत भी कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।

What is KCI Registration के सी आई क्या है

केसीआई अर्थात कैनल क्लब ऑफ इंडिया Kennel Club of India भारत का एक ऐसा क्लब में जो खास करके सिर्फ कुत्तों के लिए हैं। इस क्लब का काम कुत्तों को रजिस्टर करना और उनके ब्रीड का प्रमोशन करना है। जो कुत्ते केसीआई के अंतर्गत रजिस्टर्ड रहते हैं। उनकी वैल्यू खुद-ब-खुद काफी बढ़ जाती है। यदि तक कि सेल के वक्त में मार्केट वैल्यू दूसरे कुत्ते के बच्चे के मुकाबले भी इनकी काफी ज्यादा रहती है। उसमें ध्यान देने वाली बात सिर्फ एक यही है कि किसी के सी आई सिर्फ प्योर ब्रीड को ही रजिस्टर्ड करते हैं,मिक्स ब्रीड को नहीं।

किस तरह की सी आई में रेजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है केसीआई से रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए www.kennelclubofindia.org पर जाकर सबसे पहले उपयुक्त फॉर्म को डाउनलोड करना पड़ता है। और उसका प्रिंट निकाल कर कुत्ते से संबंधित जो भी जानकारियां मांगी जा रही है, उन्हें भरना पड़ता है। इसके बाद के सी आई ऑफिस जो कि चेन्नई में स्थित है।

वहां पर इस फॉर्म को स्पीड पोस्ट, कूरियर या किसी भी माध्यम से भेज देना होता है। भेजे जाने के तीन महीने के बाद के सी आई ऑफिस चेन्नई से कुत्ते का सर्टिफिकेट स्पीड पोस्ट ,कोरियर के माध्यम से भेज दिया जाता है। इसके साथ ही साथ एक माइक्रोचिप भी भेजा जाता है।जो कि किसी एक्सपर्ट वेटरनरी डॉक्टर से कुत्ते के बॉडी में इन्सर्ट करवाना पड़ता है। इस माइक्रो चिप की मदद से कुत्ते की पहचान काफी आसानी से की जा सकती है। साथ ही साथ किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए कुत्ते का रजिस्टर्ड होना काफी ज़रूरी है।

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