आजकल कई सारे बिस्किट मिलते हैं। नमकीन बिस्किट हो या अरारोट वाली मैरीगोल्ड, अगर आपने गौर किया होगा तो देखा होगा कि इन पर बहुत सारे छेद होते हैं। बिस्किट हम बचपन से ही खाते आते है। आजकल अपने फ्लेवर्स और स्पेशलिटी के कारण बाजार में कई सारे बिस्किट अवेलेबल है। आपने देखा होगा कई सारे बिस्किट पर ढेरों छेद किए गए होते हैं।
क्या आपको पता है कि आखिर क्यों किए जाते हैं? आज हम आपको बताएंगे कि बिस्किट के पीछे किए जाए छेद सिर्फ एक डिजाइन है या फिर इसके पीछे कोई साइंस छुपा हुआ है। अपने भी कई सारे बिस्किट खाए होंगे और कई में यह छेद वाले डिजाइन भी देखे होंगे। इनके बारे में कई सारे लोग यह सोचते हैं कि यह सिर्फ एक डिजाइन है लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल बिस्किट पर किया जाए छेद इनकी मैन्युफैक्चरिंग का एक ज़रूरी हिस्सा है। यह भी एक तरह का साइंस है।
बिस्किट में किए जाने वाले इन छेद को डॉकर्स कहा जाता है। उदाहरण के लिए इसे से समझते हैं जब भी आप घर बनाते हैं तो आपने देखा होगा कि छत में वेंटिलेशन होता है। यह इसलिए होता है ताकि आसानी से हवा पास हो सके। बिस्किट के साथ भी ऐसा ही है। दरअसल, बिस्किट में इसलिए शेयर किया जाता है ताकि बेकिंग के समय आसानी से हवा पास हो सके। आपको बताते हैं कि हवा पास होना आखिर क्यों जरुरी है?
जब बिस्किट बनाई जाती है तो इसके लिए आटा, मैदा, चीनी, नमक आदि जो गूंथी हुई सामग्री है उन्हें फैलाकर सांचे में एक मशीन के नीचे रख दिया जाता है। अब मशीनस में छेद कर देती है। इसके बिना बिस्कुट नहीं बन पाएगा। क्योंकि बिस्किट बनाने के दौरान उसमे थोड़ी हवा भरी जाती है। हिटिंग के दौरान गर्म होकर ओवन में यह फूलने लगती है। इससे बिस्किट का आकार बिगड़ने का खतरा रहता है।
यही कारण है कि बिस्किट पर छेद बनाए जाते हैं। इसके लिए कंपनियों में बड़े-बड़े मशीन होते हैं जो समान दूरी पर इन डिस्ट्रिक्ट में छेद करते हैं। छेद हो जाने से बिस्किट हर तरफ से समान रूप से फूलता है और सही तरीके से पकता है। अगर बिस्किट के हवा बाहर नहीं आएगी तो वह बीच में ही टूटने लगेंगे।