Sainik School Admission : सैनिक स्कूलों में बच्चों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था, अनुशसान और पासआउट होने वाले बच्चों का शानदार कॅरियर लोगों को आकर्षित करता है। हर पेरेंट्स का सपना होता है कि ऐसे स्कूल में वे अपने बच्चे का एडमिशन कराएं। सैनिक स्कूलों में दाखिले देशभर के आल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (एआइएसएसईई) के जरिए होते हैं।
हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा यह प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है जिसके माध्यम से देशभर के सभी सैनिक स्कूलों के छठी और नौवीं कक्षाओं में बच्चों को दाखिला दिया जाता है। सैनिक स्कूल के छठी कक्षा में दाखिले के लिए 10 से 12 साल और नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए 13 से 15 साल के बीच बच्चे की उम्र होनी चाहिए। छात्रों की परीक्षा में परफार्मेंस और मेडिकल फिटनेस को देखकर सैनिक स्कूलों में दाखिले किये जाते हैं। आपको बता दें कि अब देश के सैनिक स्कूलों में बेटियों का भी प्रवेश शुरू हो गया है। किसी भी सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए अब बेटियां भी आवेदन कर सकती हैं।
सैनिक स्कूलों के छठी कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे का पांचवीं और नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए किसी भी मान्यताप्राप्त स्कूल से आठवीं पास होना जरूरी है। छात्र इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अपनी सुविधानुसार सिर्फ एक सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए ही आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन पत्र आमतौर पर अक्टूबर से नवंबर माह के दौरान भरे जाते हैं और परीक्षा जनवरी माह के दौरान होती है। सिर्फ आनलाइन माध्यम से ही परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरे जाते हैं।
इस एंट्रेंस एग्जाम के लिए एनटीए द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। आनलाइन फार्म भरने के दौरान वेबसाइट पर छात्रों/छात्राओं को अपना या अपने परिवार के किसी सदस्य का ईमेल आइडी और फोन नंबर भरना अनिवार्य होता है। जिसके बाद इसी ईमेल और फोन नंबर पर परीक्षा से संबंधित सूचनाएं भेजी जाती हैं। आनलाइन आवेदन के लिए शुल्क लिया जाता है। फॉर्म भरने के लिए एप्लीकेशन फीस लगती है। यहां एससी और एसटी वर्ग के लिए 400 रुपए चुकाने पड़ते हैं। वहीं, सामान्य, ओबीसी व अन्य वर्गों के लिए 550 रुपए जमा करने होते हैं।
छठी और नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए होनी वाली एआइएसएसईई परीक्षा पेपर और पेंसिल के जरिए होती है। ओएमआरओ आंसर शीट पर स्टूडेंट्स को प्रश्नों के जवाब भरने होते हैं। सभी प्रश्न मल्टीपल च्वाइस आते हैं। छठी कक्षा के पेपर कई क्षेत्रीय भाषाओं में आते हैं। जिनमें मैथ्स (50 प्रश्न), इंटेलिजेंस (25 प्रश्न), लैंग्वेज (25 प्रश्न), जनरल नालेज (25 प्रश्न) के रूप में कुल चार वर्ग होते हैं। पेपर में सभी से कुल 125 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पूरी परीक्षा 300 अंकों की होती है और समाय सीमा 150 मिनट की होती है। छठी कक्षा के लिए होने वाला पेपर हिंदी या अंग्रेजी किसी भी माध्यम से आप दे सकते हैं। इसके अलावा परीक्षा बंगाली,उड़िया, पंजाबी, गुजराती, कन्नड़, मराठी, तमिल, तेलुगु, , असमिया और ऊर्दू भाषा में भी दे सकते हैं। हालांकि, नौवीं कक्षा के लिए परीक्षा स्टूडेंट केवल अंग्रेजी माध्यम से ही दे सकते हैं।
यह परीक्षा पास कर लेने से आपको दाखिला नहीं मिल सकता है, इसके लिए आपको कम से कम 40 प्रतिशत अंकों से यह परीक्षा पास करनी होती है। सभी पेपर में कम से कम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों। इसके बाद सभी क्वालिफाइड छात्रों की एक तुलनात्मक मेरिट बनती है। इनमें चुने गए स्कूल में आपकी कैटेगरी, मेडिकल फिटनेस और डाक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन को देखते हुए ही अंतिम चयन किया जाता है। अब आगामी परीक्षा एआइएसएसईई-2022 के लिए लड़कों के अलावा लड़कियों को भी दाखिले की इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा।
आपको बता दें कि भारत में सैनिक स्कूल भारतीय रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसायटी चलाते हैं। छात्रों को सैनिक स्कूल में एनडीए के जरिये भारतीय सेना में अफसर बनने के हिसाब से तैयार किया जाता है। यहाँ भारतीय सेना की ज़रूरतों के हिसाब से ही दाखिला पाने वाले बच्चों को ट्रेनिंग मिलती है। बताते चलें, देश में सबसे पहला सैनिक स्कूल 1960 में लखनऊ में खुला था। अभी देश में कुल 33 सैनिक स्कूल हैं।
सैनिक स्कूल एक तरह का बोर्डिंग स्कूल है और सभी सैनिक स्कूल्स सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। जिनमें सिर्फ इंग्लिश मीडियम से ही बच्चों को पढ़ाया जाता है। पढ़ाई के साथ-साथ यहां खेलकूद की प्रैक्टिस, घुड़सवारी, निशानेबाजी सहित तमाम तरह की फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है। वहीं इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के नाम के आगे कैडेट शब्द इस्तेमाल होता है। इस तरह के स्कूलों में छात्रों को नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए-पुणे), इंडियन नेवल एकेडमी (एनए-एझिमाला) आदि दूसरे तमाम ट्रेनिंग एकेडमीज को ध्यान में रखते हुए आफिसर पदों के लिए तैयार किया जाता है और उन्हें आर्म्ड फोर्सेज की ट्रेनिंग भी दी जाती है।