डेस्क : सूर्य ग्रहण का असर पूरी दुनिया पर दिखाई दे देता है। खगोल विज्ञान के अनुसार 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगेगा। हालांकि, भारत पर इसका असर नहीं होगा। इस सूर्य ग्रहण का असर अमेरिका, कनाडा, अफ्रीका के कुछ हिस्सों, अंटार्कटिका, अटलांटिका और कुछ अन्य देशों में दिखाई देगा।
यह भारतीय समयानुसार रात 8.34 बजे से 2.25 बजे तक चलेगा। चूँकि इस समय भारत में रात होगी इसलिए इसे यहाँ नहीं देखा जा सकेगा। लेकिन यह दुनिया के उन हिस्सों में दिखाई देगा जहां इस समय दिन है। सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं खगोल विज्ञान के लिए एक सामान्य घटना है लेकिन हिंदू रीति-रिवाजों में इसका बड़ा धार्मिक महत्व बताया जाता है। तो आइए इसके बारे में जानते हैं।
वर्ष 2023 में कितने सूर्य-चन्द्र ग्रहण?
साल 2023 में कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं। दो लग चुके हैं और दो इसी महीने लगने वाले हैं। 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 29 अक्टूबर को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। इससे पहले क्रमश: 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण और 5 मई को चंद्र ग्रहण लगा था।
सूर्य ग्रहण कब होता है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। ऐसे में सूरज की रोशनी का धरती तक पहुंच पाना मुश्किल होता है। चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इस समय चंद्रमा भी पृथ्वी के करीब होता है।
सूर्य ग्रहण को लेकर खास जानकारी
सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है। विज्ञान का मानना है कि इस तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है। सूर्य ग्रहण के चार प्रकार बताए गए हैं। आंशिक, पूर्ण, वलयाकार और संकर। 14 अक्टूबर का ग्रहण वलयाकार है। पूर्ण सूर्य ग्रहण आमतौर पर 18 महीनों में एक बार होता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण वर्ष में दो बार होता है। जबकि वलयाकार ग्रहण एक या दो साल में एक बार होता है। हाइब्रिड ग्रहण तुलनात्मक रूप से दुर्लभ है। पृथ्वी पर कुछ स्थानों पर यह पूर्ण ग्रहण के रूप में तथा कुछ स्थानों पर वलयाकार रूप में दिखाई देता है।