1 साल में कितने बच्चे पैदा करता है King Kobra? जानकर चौंक जाएंगे!

King Kobra : भारत सहित पूरी दुनिया में सांपों को लेकर कई सारे भरम और कहानी मौजूद हैं। एशिया में पाए जाने वाले सांपों के बारे में भी कई सारी बातें सामने आती है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि सांप कितने अंडे दे सकते हैं और उनमें से कितने में से बच्चे सुरक्षित बाहर निकल जाते हैं?

ऐसे में ही सबसे जहरीले माने जाने वाले किंग कोबरा को लेकर भी मन में सवाल आता है कि क्या मादा किंग कोबरा को बच्चे पैदा करने के लिए खास प्रयास करना पड़ता है? तो चलिए आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब देते है।

पूरा व्यस्क किंग कोबरा पीला, भूरा, काला या हरे रंग का होता है। सामान्य रूप से इनके शरीर पर काली और सफेद आड़ी टेड़ी धारियां बनी होती है। इनका गला हलके पीले या क्रीम रंग का होता है बच्चे पूरी तरह से काले रंग के होते हैं जिनमें पूरी शरीर पर पीली या सफेद धारियां होती हैं। भारत में बहुतायत में पाया जाने वाला यह सांप बहुत ही जहरीला माना जाता है। लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार इसके काटने पर हमें जहर लगे।

दक्षिण पूर्वी एशिया और भारत में अधिकतर पाए जाने वाले किंग कोबरा मांसाहारी होते हैं, दिन में वह अन्य जानवरों की तुलना में अजगर और दूसरे सांप भी खाते हैं। ये अपने भोजन में चूहें और अन्य जमीनी कीड़े ज्यादा खाते है, इसलिए ये ज्यादातर खेत में पाए जाते है। ये फसल ख़राब करने वाले जीवों को भी खाते है।

ये 3 से 5 मीटर लंबे होते है और अपनी पूँछ के सहारे पूरे शरीर का वजन उठा सकते है। कई बार इनकी लंबाई 6 मीटर तक बढ़ जाती है। इसलिए इसे दुनिया का सबसे लंबा सांप भी माना जाता है।

किन कोबरा मादाएं 50 से 59 दिन की प्रेग्नेंट होती है और ये इकलौती सर्प प्रजाति है जो अपने अंडे को सुरक्षित रखने के लिए घोंसला बनाती है। इनमें से अधिकतर घोसला पेड़ के तने पर बने होते हैं। घोंसले में एक बार 7 से 43 अंडे हो सकते हैं। जिनमें से 6 से 38 अंडे 66 से 105 दिन के बाद बच्चे में बदल पाते हैं। जब तक बच्चे पैदा नहीं हो जाते मादा कोबरा खुद उनकी सुरक्षा करती है।

जनवरी से अप्रैल के प्रजनन काल के दौरान मादा कोबरा एक बार में 21 से 40 अंडे तक देती है। बसंत और तेज गर्मी में इनकी रक्षा करने के बाद बरसात में बच्चे अंडे से बाहर आते है। अमूमन देखा गया है कि सांपों के संरक्षण केंद्र में अधिकतम केवल पांच फीसदी ही बच्चे अंडों की संख्या से कम होते हैं, इस तरह से दो से 35 अंडे बच्चे में बदल ही जाते है, जबकि ये कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है।

अंडे से निकलने के बाद बच्चे की लंबाई 20-30 सेमी होती है। जन्म के सात दिन तक इनका रंग सफेद और बाद में काला हो जाता है। इसके बाद इनके दाँत निकल आते है। उम्र के साथ-साथ इनका रंग फीका पड़ जाता है। 21 दिन की उम्र में ही इनमे जहर बनने लगता है और ये जहर व्यस्क किन कोबरा जितना ही प्रभावशाली और जहरीला होता है।