कैसे बनता है कोहरा? क्या फोग और स्मॉग का एक ही होता है मतलब-जानें

कड़ाके की सर्दियों का दौर शुरू हो चुका है और कोहरे ने भी अपना खतरनाक रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पूरा उत्तर भारत इस समय कोहरे की वजह से कम विजिबिलिटी का सामना कर रहा है। कोहरे के कारण सड़कों पर गाड़ियों, पटरियों पर रेल और हवा में विमानों की यात्रा पर सीधा असर पड़ता है। कोहरे के कारण इनकी सर्विस स्लो हो जाती है। लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है ये कोहरा यानि फोग कैसे बनता है? या कैसे कम और ज्यादा होता है?


कैसे बनता है कोहरा? कोहरा पानी की छोटी-छोटी बूंदों के रूप में होता है, जिसे ओस कहा जाता है। हमारे आस-पास मौजूद हवा में नमी होती है। जो जलवाष्‍प कहलाती है। सर्दियों के मौसम में जब जलवाष्प ऊपर उठती है और ठंडी हवा से टकराती है तो कंडेंशन की प्रक्रिया शुरू होती है और ये यह भारी होकर नन्‍हीं-नन्‍हीं बूंदों के रूप में जमने लगती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, इनका स्‍वरूप धुएं में बदलने लगता है। यह घना होता चला रहा है तो कोहरा बनता है।


कैसे अलग हैं स्मोग और फोग? आपने स्मोग और फोग दोनों शब्दों को सुना होगा। लेकिन, क्या आप जानते है कि ये दोनों शब्द और इनके अर्थ बिलकुल अलग हैं। जब कार और फैक्‍ट्री से निकलने वाला धुआं कोहरे के साथ मिल जाता है तो उसे स्‍मॉग कहते हैं।यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। यह सांस के जरिए शरीर में पहुंचता है और हृदय, फेफड़े और दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाता है।


गांवों के मुकाबले शहरों में कोहरा अधिक क्यों? गांवों के मुकाबले शहरों में कोहरा अध‍िक घना होता है क्योंकि शहरों की हवा में धूल और धुएं के कण अध‍िक होते हैं।ये कोहरे में मौजूद पानी की बूंदों के साथ मिलकर इसे गहरा बना देते हैं। कई बार कोहरे वाली जगहों में सिल्‍वर आयोडाइड का छिड़काव किया जाता है, जिससे पानी बूंदों के रूप में जमीन पर गिर जाता है।